बता दें कि इस साल मार्च से ही भीषण गर्मी पड़ने लगी थी इसीलिए पूरे देश में बिजली की डिमांड बढ़ गई है। इस कमी को पूरा करने के लिए पॉवर स्टेशन ज्यादा से ज्यादा बिजली पैदा कर रहे हैं जिससे सभी पवार स्टेशन में कोयले की खपत बढ़ गई है। कई राज्यों में कोयले की कमी से बिजली उत्पादन पर असर पड़ने लगा है। इस समस्या को दूर करने के लिए रेलवे ने 24 मई तक, 657 पैसेंजर ट्रेनों को रद्द करने का निर्णय लिया है। ताकि मालगाड़ियों को कहीं रुकना ना पड़े और कोयले की आपूर्ति लगातार चलती रहे।
अगले 15 दिनों तक बनी रहेगी ऐसी स्थिति
रेल अफसरों की मानें तो 20-22 कोच की एक एक्सप्रेस के एक फेरे में 1800 से 2000 यात्री सफर करते हैं। इनमे वोटिंग टिकट वाले भी शामिल हैं। रद्द ट्रेनों की जगह कई ट्रेनें अलग-अलग तारीखों में चलाई जा रही हैं फिर भी यात्रिओं को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। यही स्थिति आने वाले 15 दिनों तक बनी रहेगी क्योंकि 24 तारीख तक सभी ट्रेने रद्द किए गए हैं।
छत्तीसगढ़ से 36 ट्रेने रद्द
छत्तीसगढ़ के स्टेशनों से होकर आने-जाने वाली वाली 36 ट्रेनें कैंसल हुई हैं। इनमें से 14 लोकल ट्रेनें हैं, जिन्हें लगातार 20 दिनों तक कैंसल किया गया है। जबकि इन्हीं ट्रेनों में सबसे अधिक यात्री सफर करते हैं। गर्मी के पीक सीजन में ट्रेन में पैर रखने तक तक जगह नहीं होती थी। ठसाठस यात्री सफर करते रहे हैं, ऐसे समय में इतनी बड़ी संख्या में ट्रनों का कैंसल होना किसी बड़ी आफत से कम नहीं है।
पूछताछ काउंटर में सन्नाटा, प्लेटफार्म टिकट भी नहीं
ट्रेनों के कैंसिलेशन की मुसीबतों के बीच रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म पर लगे डिस्प्ले की बत्ती गुल हो चुकी है। गाड़ी आते हुए भगदड़ जैसी स्थिति प्लेटफार्म पर निर्मित होती है क्योंकि कोच संख्या नजर नहीं आता। वहीं प्लेटफार्म टिकट काउंटर रविवार को बंद मिला। पहले से ही ट्रेनों में बर्थ नहीं मिलने से परेशान हो रहे यात्रियों को इस तरह की कई समस्याओं से रेल यात्री घिर चुके हैं।
ट्रेनों के रद्द होने के बाद यात्रियों के पास अंतिम विकल्प के रूप में बस ही बच गया है। ऐसे में दिल्ली, मुंबई, हैदराबाद, पंजाब जाने के लिए लोग बसों में टिकट बुक करवाने पहुंचने लगे है, लेकिन यहां भी यात्रियों को समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है।