पहले हर आने-जाने वाली ट्रेनों का बड़े रेलवे स्टेशनों पर कम से कम 10 मिनट का ठहराव हुआ करता था, उसमें रेलवे ने संशोधन किया गया है। बड़े स्टेशनों में 5 और छोटे स्टेशन में ट्रेनें रुकने का समय 2 मिनट तय किया हुआ है। केवल जहां इंजन बदलना पड़ता है, उन्हीं स्टेशनों में ही 15 से 20 मिनट का स्टॉपेज है। दूसरी बात ये भी है कि ट्रेनें पहले जैसा चलाने के बजाय तीन से चार महीने आगे बढ़ाते हुए स्पेशल के रूप में ही चलाना तय किया है। अफसरों के अनुसार जितनी ट्रेनें अभी चल रही हैं, उनके परिचालन की तारीखें बढ़ाने के साथ ही ठहराव और समय भी पहले से ही टाइम टेबल में तय है। रेलवे बीच-बीच में कुछ-कुछ बदलाव लगातार हुआ है। इस वजह से तय समयसारिणी के अनुसार ही ट्रेनें चलती रहेंगी।
पहले जैसा चलने पर ही बदलाव संभव
रायपुर रेल मंडल के अनुसार कोरोनाकाल में यात्रियों को जरूरी सुविधाओं के मद्देनजर समय-समय पर बदलाव किया जाता रहा है। पहले समयसारिणी का प्रस्ताव रेलवे जोन स्तर से बोर्ड को भेजा जाता था, परंतु कोरोनाकाल में अधिकांश ट्रेनों का शेड्यूल स्पेशल परिचालन के साथ ही तय हो रहा है। सीनियर पब्लिसिटी इंस्पेक्टर शिव प्रसाद पंवार के अनुसार 1 अक्टूबर को नई समय सारिणी आने की तारीख तय हुआ करती थी। उसमें अब 2-3 मिनट का ही अंतर रहता है।