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मौजूदा समय में परमानेंट अकाउंट नंबर यानी पैन कार्ड एक जरूरी डाक्युमेंट बन चुका है। बैंक अकाउंट खुलवाने से लेकर इनकम टैक्स रिटर्न फाइलिंग तक का काम बिना पैन कार्ड के नहीं हो सकता। ऐसे में इसे बनवाना जरूरत भी है और पारदर्शिता रखने के लिए बेहतर भी। इस नई सुविधा से करदाताओं को आवेदन फॉर्म भरने और कर विभाग में जाकर जमा करने से छुटकारा मिलेगा।
क्या करना होगा करदाता को ?
इसके लिए व्यक्ति को इनकम टैक्स डिपार्टमेंट की वेबसाइट https://www.incometaxindiaefiling.gov.in/home पर जाकर अपना आधार नंबर डालना होगा। इसके बाद आधार रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर पर एक वन टाइम पासवर्ड (ओटीपी) आएगा। ओटीपी का इस्तेमाल आधार डीटेल की पुष्टि करने के लिए किया जाएगा। इसके बाद तुरंत पैन नंबर जारी हो जाएगा और व्यक्ति ई-पैन कार्ड डाउनलोड कर सकता है।
डिपार्टमेंट और करदाता दोनों के लिए सहूलियत
इस प्रक्रिया की शुरुआत से करदाताओं को पैन कार्ड लेने के लिए एप्लिकेशन फॉर्म भरने और उसे जमा करने में होने वाली परेशानियों से निजात मिलेगी। साथ ही, टैक्स डिपार्टमेंट को भी करदाताओं के घर के पते पर पैन कार्ड भेजने के झंझट से मुक्ति मिलेगी।
करीब 30.75 करोड़ लोग पैन-आधार लिंक कर चुके हैं
केंद्र सरकार ने पैन धारकों के लिए पैन के साथ आधार को जोडऩा अनिवार्य कर दिया है। देश में 30.75 करोड़ से ज्यादा पैनधारक हैं। हालांकि 27 जनवरी 2020 तक 17.58 करोड़ पैनधारकों ने पैन के साथ आधार को नहीं जोड़ा था। मालूम हो कि इसकी समय सीमा 31 मार्च 2020 को खत्म हो रही है। बता दें कि वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा लोकसभा में एक फरवरी को पेश आम बजट 2020-21 में पैन आवंटन करने की प्रक्रिया को आसान करने का प्रस्ताव किया गया था। बजट में कहा गया था कि इसके लिए आधार के जरिये तत्काल आधार पर स्थायी खाता संख्या (पैन) जारी करने की सुविधा दी जाएगी।