कलेक्टरों को निर्देश- जल्द पूरा करें आंगनबाड़ी के भवन, बाल सुलभ शौचालय और पेयजल व्यवस्था से जुड़े कार्य
रायपुरPublished: Feb 20, 2020 01:47:51 pm
जानकारी मिली है कि अभी भी 3 हजार 27 शौचालय निर्माण का कार्य प्रारंभ नहीं किया गया है। सचिव ने यह भी निर्देश् दिए हैं कि निर्माण कार्यों को शीघ्र प्रारंभ कराते हुए पूरी जानकारी से अवगत कराएं।
कलेक्टरों को निर्देश- जल्द पूरा करें आंगनबाड़ी के भवन, बाल सुलभ शौचालय और पेयजल व्यवस्था से जुड़े कार्य
रायपुर.महिला एवं बाल विकास विभाग के सचिव सिद्धार्थ कोमल सिंह परदेशी ने सभी जिला कलेक्टरों को पत्र लिखकर आंगनबाड़ी केन्द्रों के भवनों, वहां बाल सुलभ शौचालय और पेयजल व्यवस्था के कार्य शीघ्र पूणज़् करने के निर्देश दिये हैं। परदेशी ने कलेक्टरों से कहा है कि प्रदेश में मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान की शुरूआत 2 अक्टूबर 2019 से की गई है। बच्चों के सर्वांगीण विकास और राज्य में कुपोषण को न्यूनतम स्तर पर लाने के लिए आंगनबाड़ी केन्द्रों के लिए पूर्ण अधोसंरचना आवश्यक है। इसलिए इस कार्य को सवोच्च प्राथमिकता में रखें।
सचिव परदेशी ने लिखा है कि वर्ष 2015-16 से मनरेगा के अभिसरण से आंगनबाड़ी केन्द्रों का निर्माण किया जा रहा है। राज्य में प्रतिभवन निर्माण लागत 6 लाख 45 हजार रूपये है जिसमें से 5 लाख रूपये मनरेगा और 1 लाख 45 हजार रूपये विभागीय निधि से खर्च किए जाते हैं। राज्य स्तर पर स्वीकृति के बाद भी 3 हजार 560 भवन जिलों में स्वीकृति हेतु लंबित है। वित्तीय वर्ष 2018-19 में आंगनबाड़ी केन्द्रों में पेयजल व्यवस्था के लिए प्रति केन्द्र 10 हजार रूपये की दर से राशि आबंटित की गई हैं। इस काम के लिए लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग नोडल एजेंसी है। प्राप्त जानकारी के अनुसार अभी भी 785 पेयजल व्यवस्था के कार्य प्रारंभ नहीं किए गए हैं। इसी तरह आंगनबाड़ी केन्द्रों में बाल सुलभ शौचालय निर्माण के लिए प्रति केन्द्र 12 हजार रूपये की दर से जिलों को राशि आबंटित कर दी गई है। इस हेतु निमाज़्ण एजेंसी ग्राम पंचायत है।