script90 फीसदी ATM धारकों को नहीं पता ये योजना, हादसा होने पर मिलते हैं लाखों रुपए का मुआवजा | Insurance of 50 thousand to five lakh from ATM card | Patrika News

90 फीसदी ATM धारकों को नहीं पता ये योजना, हादसा होने पर मिलते हैं लाखों रुपए का मुआवजा

locationरायपुरPublished: Mar 19, 2019 06:08:59 pm

ऐसे में बैंक ग्राहक व लोगों का जागरूक होना बहुत ही जरूरी है।

Chhattisgarh news

90 फीसदी ATM धारकों को नहीं पता ये योजना, हादसा होने पर मिलते हैं लाखों रुपए का मुआवजा

रायपुर. आज के समय में सभी के पास उनके बैंक का एटीएम कार्ड है। जिनका इस्तेमाल हम जरूरत पडऩे पर अक्सर करते हैं। लेकिन आपको ये नहीं पता होगा कि एटीएम के जारी होने के बाद से ही धारकों को किन-किन सुविधाओं का फायदा मिलता है। ऐसे में आपका जागरूक होना बहुत ही जरूरी है,क्योंकि आज देश भर के ठगी के कई मामले सामने आ रहे है। जिसमें ठग नए-नए तरीके से लोगों को ठग रहे हैं। ऐसे में बैंक ग्राहक व लोगों का जागरूक होना बहुत ही जरूरी है।
ATM

50 हजार से पांच लाख तक का होता है बीमा
यदि आप बैंक से जारी किए गए एटीएम कार्ड या रुपे कार्ड का उपयोग करते हैं तो बैंक ने आपका 50 हजार से लेकर पांच लाख रुपए तक का दुर्घटना बीमा कराया है तो बीमा योजना में बिना कोई राशि जमा किए विकलांगता से लेकर मौत होने तक के मुआवजे का प्रावधान है लेकिन 90 फीसदी एटीएम धारकों को इस योजना की जानकारी ही नहीं है। राष्ट्रीयकृत और गैर राष्ट्रीयकृत बैंकों के एटीएम कार्ड का उपयोग करने वाले सभी ग्राहक इस सुविधा में शामिल रहते हैं।

बैंक इसलिए नहीं करती प्रचार
एसबीआई बैंक के वरिष्ठ अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि बैंक में खाता खुलने के बाद एटीएम जारी होते ही बीमा पॉलिसी ग्राहक पर लागू हो जाती है। बैंक की तरफ से बीमा कराया जाता है। हालांकि मुआवजा राशि प्रत्येक बैंक की अलग-अलग है। बैंक अपनी इस योजना का प्रचार-प्रसार इसलिए नहीं करती हैं ताकि उन्हें बीमा की राशि का क्लेम ना देना ना पड़े।

ATM

अलग-अलग होती है राशि

– क्लासिक कार्ड में एक लाख रुपए का बीमा है।
– प्लेटिनम कार्ड में दो लाख रुपए का बीमा है।
– मास्टर कार्ड में 50 हजार का बीमा है।
– मास्टर रक्षक प्लेटिनम कार्ड पर पांच लाख रुपए का बीमा है।
– रुपे कार्ड पर दो लाख रुपए का बीमा मिलता है।


दुर्घटना बीमा की ये है प्रक्रिया ऐसे मिलता है मुआवजा
स्कीम के मुताबिक अगर किसी एटीएम धारक की दुर्घटना में मौत हो जाती है तो उसके परिवार के सदस्य को 2 महीने से लेकर 5 महीने के भीतर बैंक की उस ब्रांच में जाना होगा जहां उस शख्स का खाता था और वहां पर मुआवजे को लेकर एक एप्लीकेशन देनी होगी।

अगर आपके पास किसी एक बैंक में एक ही अकाउंट हो या फिर उस बैंक की दूसरी ब्रांच में भी अकाउंट हो तो भी मुआवजा आपको किसी एक एटीएम पर ही मिलेगा जिससे पैसे का लेन-देन किया जा रहा हो।
मुआवजा देने के पहले बैंक ये देखेंगे कि मौत से पहले पिछले 45 दिन के भीतर उस एटीएम से किसी तरह का वित्तीय लेन-देन हुआ था या नहीं।

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो