‘पत्रिका’ से बातचीत में बृजमोहन ने कहा कि उन्हें वहां जाने का मन नहीं हुआ। बताया जा रहा है कि बृजमोहन पार्टी के रवैये से नाराज हैं। वहीं, बैठक में पहुंचे वरिष्ठ विधायक अजय चंद्राकर ने प्रदेश प्रभारी डॉ. अनिल जैन से पूछ लिया कि लोकसभा सीटों का प्रभारी बनाने से पहले उन लोगों से पूछा क्यों नहीं गया। डॉ. जैन ने कह दिया कि चंद्राकर को यह बात शीर्ष नेतृत्त्व से पूछना चाहिए। बताया जा रहा है कि उसके बाद दोनों के बीच बहस भी हुई। बाद में एक बंद कमरे में दोनों नेताओं के बीच बातचीत हुई।
कहा जा रहा है कि पूर्व मंत्री अजय चंद्राकर की आपत्ति विधानसभा चुनाव हार चुके नेताओं को लोकसभा क्लस्टर का प्रभारी बनाए जाने पर थी। भाजपा ने पिछले दिनों लोकसभा की 11 सीटों को तीन क्लस्टरों में बांटकर पूर्व मंत्री राजेश मूणत, अमर अग्रवाल और केदार कश्यप को उसका प्रभारी बनाया है। ये तीनों नेता पिछला चुनाव हार चुके हैं। अन्य नेताओं को सीट संयोजक आदि की जिम्मेदारी दी गई। इसे लेकर संगठन के बड़े हिस्से में नाराजगी है।
बैठक खुद प्रदेश प्रभारी डॉ. अनिल जैन ने बुलाई थी। जैन यहां पार्टी नेताओं को लोकसभा चुनाव की तैयारियों का कार्यक्रम सौंपने आए थे। बैठक में राष्ट्रीय सह संगठन महामंत्री सौदान सिंह, प्रदेशाध्यक्ष धरमलाल कौशिक, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष व पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह, प्रदेश संगठन महामंत्री पवन साय और विधानसभा के पूर्व अध्यक्ष गौरीशंकर अग्रवाल आदि शामिल हुए।