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भारत में 2011 की जनगणना के आंकड़ों के अनुसार विकलांग लोगों की संख्या लगभग 26.8 मिलियन है, यह जनसंख्या देश की कुल आबादी का 2.21 प्रतिशत है। हालांकि विकलांगता के मुद्दों पर काम कर रहे विकलांग अधिकार कार्यकर्ताओं और शिक्षाविदों के अनुसार जनगणना में ये संख्या वास्तविक संख्या का बहुत छोटा सा हिस्सा है। विकलांग व्यक्तियों का ‘अंतरराष्ट्रीय दिवस’ सिर्फ शारीरिक स्थितियों तक ही सीमित नहीं है, बल्कि इसमें मानसिक विकलांगता भी शामिल है। नेशनल स्टैटिस्टिकल ऑफिस द्वारा 2018 में किए गए एक सर्वे के अनुसार लगभग 3.9 मिलियन लोग साइकोसोशल डिसैबिलिटीज (मनोसामाजिक विकलांगता) से पीड़ित है। इस तरह की विकलांगता में डिप्रेशन से पीड़ित होना और स्ट्रेस डिसऑर्डर जैसी अन्य मानसिक बीमारियों और डिस्लेक्सिया या डाउन सिंड्रोम सहित दिमागी बीमारी से पीड़ित होना शामिल है।
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विश्व विकलांग दिवस की थीम क्या है
संयुक्त राष्ट्र संघ द्वारा इस वर्ष भी अंतर्राष्ट्रीय विकलांग दिवस का आयोजन 3 दिसंबर 2022 को किया जा रहा है। वर्ष 2022 के लिए विकलांग व्यक्तियों का अंतरराष्ट्रीय दिवस (International Day of Disabled Persons) की थीम “समावेशी विकास हेतु परिवर्तनकारी समाधान” (Transformative solutions for inclusive development: the role of innovation in fuelling an accessible and equitable world) रखी गयी है। इसके माध्यम से अन्वेषण के उपयोग द्वारा विकलांग जनों के जीवन को बेहतर बनाने का लक्ष्य रखा गया है।
विश्व विकलांग दिवस का उद्देश्य
अंतर्राष्ट्रीय विकलांग दिवस का उद्देश्य विकलांग जनों को समाज में समुचित एवं बराबरी का अधिकार प्रदान करना है। इसके माध्यम से नागरिको को विकलांग जनों के अधिकारों एवं उनके जीवन स्तर को बेहतर बनाने के लिए सहभागिता को प्रोत्साहित किया जाता है। विकलांगजनों के अक्षमता के मुद्दे पर नागरिको का ध्यान खींचने एवं इनके द्वारा प्रतिदिन के जीवन में सहन की जा रही कठिनाईयों के बारे में लोगो को जागरूक करने के लिए भी विश्व विकलांग दिवस महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। साथ ही इस दिवस के माध्यम से विकलांग जनों की असाधारण क्षमता की ओर भी लोगो का ध्यान आकर्षित किया जाता है।
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विश्व विकलांग दिवस, हमारी भूमिका
विश्व विकलांग दिवस के अवसर पर हम सभी का नैतिक एवं मानवीय दायित्व बनता है की अपने आसपास रह रहे सभी दिव्यांग लोगो की सहायता करें एवं उनके साथ उचित एवं गरिमापूर्ण व्यवहार प्रदर्शित करें। साथ ही दिव्यांगजनों के अधिकारों को सुरक्षित करने के साथ उनके जीवन को बेहतर बनाने के लिए भी सभी नागरिको का सहयोग अपेक्षित होता है।
छत्तीसगढ़ के बिलासपुर में भी विश्व दिव्यांग दिवस पर जागरुकता सप्ताह मनाया जा रहा है. इस कार्यक्रम में दिव्यांग बच्चे अपनी प्रतिभा दिखा रहे रहे है. दिव्यांग बच्चे छत्तीसगढ़ी गीत पर थिरकते दिखाई दिए. सभी बच्चों ने काफी उत्साह के साथ भाग लिए इतना ही नहीं कहल कूद में भी अच्छा प्रदर्शन किया. गुरुवार को जागरूकता सप्ताह के दौरान दिव्यांग बच्चों के लिए शार्ट मैराथन का भी आयोजन किया.