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International Day of Education 2023: छत्तीसगढ़ में शिक्षा के क्षेत्र में हो रहे नवाचार, जिन बच्चों ने कभी टीवी नहीं देखा, वे कर रहे डिजिटल पढ़ाई

locationरायपुरPublished: Jan 25, 2023 06:44:31 pm

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CG Desk

International Day of Education 2023: शांति और विकास में शिक्षा के महत्व को परिभाषित करने के लिए संयुक्त राष्ट्र महासभा ने साल 2018 में हर वर्ष 24 जनवरी को अंतरराष्ट्रीय शिक्षा दिवस के रूप में मनाने का प्रस्ताव अपनाया था।

International Day of Education 2023

International Day of Education 2023

International Day of Education 2023: 24 जनवरी 2022 को विश्‍वभर में ‘शिक्षा दिवस’ (International Day of Education 2023) मनाया जा रहा है। शांति और विकास में शिक्षा के महत्व को परिभाषित करने के लिए संयुक्त राष्ट्र महासभा ने साल 2018 में हर वर्ष 24 जनवरी को अंतरराष्ट्रीय शिक्षा दिवस के रूप में मनाने का प्रस्ताव अपनाया था। शिक्षा हर व्यक्ति का एक बुनियादी मौलिक अधिकार है, लेकिन अभी भी दुनिया में कई बच्चों को बुनियादी शिक्षा प्राप्त करने के लिए बहुत संघर्ष करना पड़ रहा है। यह दिन हर छात्र को गुणवत्ता शिक्षा प्रदान करने के विषय पर केंद्रित होता है। छत्तीसगढ़ में स्कूली शिक्षा के क्षेत्र में नए-नए नवाचार किए जा रहे है। स्कूलों की पढ़ाई-लिखाई में गुणवत्ता लाने के लिए डिजिटल माध्यमों का भी सहारा लिया जा रहा है।

International Day of Education 2023: छत्‍तीसगढ़ में डिजिटल शिक्षा की तरफ बढ़े कदम
अगर सच्ची लगन और समाज के लिए कुछ करने की जिद हो तो मुश्किल वक्त व कम संसाधनों में बेहतर किया जा सकता है। ऐसा ही कुछ पहाड़ी कोरवा आश्रम के अधीक्षक और एक मात्र शिक्षक शंभू प्रसाद यादव ने कर दिखाया है। शिक्षकों की कमी के कारण बच्चों का भविष्य खराब न हो इसके लिए उन्होंने डिजिटल पढ़ाई की व्यवस्था की है। ये बच्चे ऐसे घरों से आते हैं कि इनके घरों में टीवी तक नहीं है। लेकिन वे आश्रम आकर डिजिटल पढ़ाई कर रहे हैं।

सरगुजा जिला मुख्यालय अंबिकापुर से 25 किलो मीटर दूर लखनपुर विकासखंड के आमापानी में शासकीय प्राथमिक शाला आश्रम व छात्रावास संचालित है। इसमें पहाड़ी कोरवा सहित अन्य समाज के बच्चे रहकर पढ़ते हैं। आश्रम में 63 बच्चे हैं और छात्रावास में बच्चों की संख्या 50 है। शासन की ओर से डिजिटल शिक्षा अभियान और आश्रम अधीक्षक की पहल से आश्रम में एलईडी टीवी लगाया गया। इस पर पहली से लेकर पांचवीं तक के सभी विषयों की वीडियो रिकॉर्डिंग कर ली गई है, जिसके माध्यम से बच्चे पढ़कर अपनी बौद्धिक क्षमता बढ़ा रहे हैं।

अधीक्षक ने खुद संभाली सारी व्यवस्था
उन्होंने बताया कि पहले दो शिक्षक थे। एक शिक्षक का प्रमोशन होने के बाद वे यहां से चले गए। अब मैं अकेला हूं। अगर मैं कक्षा पांचवीं के बच्चों का क्लास लेता हूं तो अन्य कक्षाएं प्रभावित होती हैं। ऐसे में अन्य क्लास के बच्चों के लिए आधे-आधे घंटे के लिए डिजिटल पढ़ाई की व्यवस्था की गई है।

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