ब्रह्ममुहूर्त योग करने का श्रेष्ठ समय होता है। इस दौरान पेट काफी हल्का होता है। शौच आदि के बाद एक-दो गिलास गुनगुना पानी पी लें। इस समय योग करने का सबसे ज्यादा फायदा मिलता है।
जल्दीबाजी न करें
जल्दीबाजी में योग का अभ्यास न करें। हर आसन को नियम के अनुसार करें तभी इसका पूरा लाभ मिलता है। शुरुआत में दिक्कत हो सकती है, लेकिन जैसे-जैसे आसन करते जाएंगे शरीर का लचीलापन बढ़ेगा।
दरी-चटाई बिछाएं
योग के दौरान शरीर से ऊर्जा निकलती है। जब हम जमीन पर योगाभ्यास करते हैं तो पृथ्वी की ऊर्जा और शरीर की ऊर्जा में असंतुलन होने लगता है, इसलिए दरी-चटाई आदि बिछाकर ही योग करना श्रेयस्कर रहता है।
समय पर नित्यक्रिया
अभ्यास से पहले नित्य क्रियाओं से निवृत्त होना चाहिए। कई बार योग क्रिया के बीच में भी यदि आवश्यक है तो आवेग को रोके नहीं।
ठंडा पानी न पीएं
योगाभ्यास से शरीर का तापमान बढ़ता है। इस दौरान ठंडा पानी पीने से शरीर का तापमान तेजी से घटता है। इससे एलर्जी, कफ व जुकाम की समस्या हो सकती है। योग के 30 मिनट बाद पानी पीना सही रहता है।