रायपुर

लॉकडाउन में घर-घर पहुंचेगी टीम, प्राइमरी कॉन्टेक्ट के छूटे और हाई रिस्क मरीजों की होगी जांच

कोरोना के गंभीर मरीजों की पहचान होते ही इलाज के लिए भेजा जाएगा अस्पताल

रायपुरSep 22, 2020 / 08:41 pm

Nikesh Kumar Dewangan

लॉकडाउन में घर-घर पहुंचेगी टीम, प्राइमरी कॉन्टेक्ट के छूटे और हाई रिस्क मरीजों की होगी जांच

रायपुर. जिले में कोरोना वायरस के केस लगातार बढ़ रहे हैं। मंगलवार से लॉकडाउन शुरू हो जाएगा। इस दौरान स्वास्थ्य विभाग की टीम राजधानी के हर घर में पहुंचकर प्राइमरी कॉन्टेक्ट में छूटे और हाई रिस्क मरीजों की तुरंत कोरोना जांच करेगी। यदि कोई गंभीर मरीज मिलता है तो उसे तुरंत अस्पताल भेजने की भी व्यवस्था की जाएगी।
जिला स्वास्थ्य विभाग ने लॉकडाउन के दौरान किए जाने वाले कामों का पूरा खाका तैयार कर लिया है। स्वास्थ्य विभाग के एक आला अधिकारी ने बताया कि गत दिनों सर्वे किया गया था। कर्मचारियों के अभाव के कारण सर्वे के दौरान मिले बहुत से लोगों की अब तक कोरोना जांच नहीं हो पाई है। लॉकडाउन में सर्वप्रथम उनकी जांच की जाएगी। सर्दी, खांसी, बुखार व सांस में तकलीफ होने के बावजूद बहुत से लोग कोरोना की जांच नही करा रहे हैं। बिना डॉक्टरों की सलाह के घर में रहकर खुद ही अपना इलाज कर हैं। ऐसे लोगों को भी चिह्नित किया जाएगा। ए सिम्टोमैटिक मरीजों का होम आइसोलेशन में इलाज चल रहा है। स्वास्थ्य विभाग की टीम जब घर-घर पहुंचेगी तो परिजनों से इस बात की भी जानकारी लेगी कि मरीजों को जो दवा का किट मिला है, उसका इस्तेमाल सही ढंग से किया जा रहा है कि नहीं।
रायपुर सीएमएचओ डॉ. मीरा बघेल ने बताया कि लॉकडाउन में ज्यादा से ज्यादा सैंपल लेने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। स्वास्थ्य विभाग की टीम घर-घर पहुंचकर प्राइमरी कॉन्टेक्ट वालों की सैंपल जांच करेगी। यदि कोई गंभीर मरीज मिलता है तो तुरंत अस्पताल भेजा जाएगा। खानपान को लेकर भी जानकारी दी जाएगी।
सैंपल देने के बाद खुद को आइसोलेट रखें संभावित मरीज

स्वास्थ्य विभाग ने कोरोना जांच के लिए सैंपल देने वालों को जांच रिपोर्ट आने तक खुद को आइसोलेट रखने कहा है। विभाग ने जांच के लिए सैंपल देने वाले प्राइमरी कॉन्टेक्ट एवं कोविड-19 के संदिग्ध मरीजों से कोरोना संक्रमितों की ही तरह आइसोलेशन एवं अन्य सावधानियां बरतने की अपील की है। स्वास्थ्य विभाग का कहना है कि संक्रमण के लक्षण दिखाई देने पर घबराने या छुपाने की जरूरत नहीं है। शुरूआत में ही कोविड-19 की पहचान और इलाज शुरू होने से जल्द संक्रमण को खत्म किया जा सकता है। स्वास्थ्य विभाग ने कोरोना संक्रमण की पुष्टि के लिए जांच हेतु सैंपल देते समय अपना पूरा पता और मोबाइल नंबर सही-सही दर्ज करने की भी अपील की है।
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