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37 साल की मां का 22 साल का बेटा, कोरोना काल में राहत देने वाले राशन कार्डों में अनियमितता

locationरायपुरPublished: May 24, 2020 09:28:55 pm

Submitted by:

Karunakant Chaubey

कोरोना काल में शासन ने राशन कार्ड बनाने की आदेश दिया था। जिससे लोगों को राहत मिल पाए। लेकिन नगर निगम के अधिकारियों की लापवाही से गलत आयु और कुछ कार्डों में नाम भी गलत दर्ज हो गए हैं।

37 साल की मां का 22 साल का बेटा, कोरोना काल में राहत देने वाले राशन कार्डों में अनियमित्ता

37 साल की मां का 22 साल का बेटा, कोरोना काल में राहत देने वाले राशन कार्डों में अनियमित्ता

रायपुर. छत्तीसगढ़ में बाल विवाह निषेध है। यहां 18 साल से कम उम्र में लडक़ी का विवाह जुर्म है लेकिन यहां के बने राशनकार्ड में जिस तरह से अफरा तफरी की गई है उसका नमूना ये है। कि जय बजरंग औधोगिक भंडार में एक राशनकार्ड क्रमांक 223870607023 है जिसकी मुखिया सरस्वती यादव है जिसकी उम्र 37 साल है। जिसके पति ओंकार यादव की उम्र 38 साल है।

इनका सबसे बड़ा बेटा गौतम यादव 22 साल का है इसका मतलब ये है कि 15 साल में संतोषी यादव ने पहले पुत्र को जन्म दिया था। 16 वे साल में उनका दूसरा बेटा दुलार (21) का जन्म हुआ।18 वे साल में बेटी दुलारी (19) का जन्म हुआ। 5 साल बाद बेटी ऋतु (14) ओर फिर अगले साल बेटी गायत्री (13) को जन्म दिया।

पती से छह साल बड़ी पत्नी

इसी तरह के एक राशन कार्ड जो वार्ड क्रमांक चार के लिए बनाया गया था। रीता धु्रव के नाम से कार्ड बना है उनके परिवार में दो ही सदस्य हैं जिसमें पति की उम्र 25 वर्ष और पत्नी की 31 वर्ष लिखी हुई है। बतादें कि कोरोना काल में शासन ने राशन कार्ड बनाने की आदेश दिया था। जिससे लोगों को राहत मिल पाए। लेकिन नगर निगम के अधिकारियों की लापवाही से गलत आयु और कुछ कार्डों में नाम भी गलत दर्ज हो गए हैं।

ऐसे हो सकता है सुधार

जिन राशनकार्ड धारियों के नाम में गड़बड़ी हुई है उनके नाम में सुधार किया जा सकता है। इसके लिए नगर निगम के जोन कार्यालयों से त्रुटी सुधार का आवेदन लेकर नाम सुधरवाया जा सकता है।

लोगों ने जल्दी बाजी में आवेदन करने में कुछ गड़बड़ी की होगी या एंट्री करने वालों ने गलत उम्र दर्ज कर दी होगी। इसके लिए परेशान होने की जरुरत नहीं है त्रुटी सुधार संभव है।

-अनुराग सिंह भदौरिया, खाद्य नियंत्रक, रायपुर

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