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कोरोना संक्रमित मां के दूध में होता है वायरस! क्या बच्चे भी हो सकते संक्रमित, जानें एक्सपर्ट की राय

locationरायपुरPublished: Aug 02, 2021 01:50:27 pm

Submitted by:

Ashish Gupta

विश्व स्तनपान सप्ताह (World Breastfeeding Week) की शुरुआत 1 अगस्त से हो गई। कोरोना काल में स्तनपान सप्ताह का महत्व कई गुना बढ़ गया है, क्योंकि डॉक्टर मानते हैं और कई शोधों में प्रमाणित भी हुआ है।

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कोरोना संक्रमित मां के दूध में होता है वायरस! क्या बच्चे भी हो सकते संक्रमित, जानें एक्सपर्ट की राय

रायपुर. विश्व स्तनपान सप्ताह (World Breastfeeding Week) की शुरुआत 1 अगस्त से हो गई। कोरोना काल में स्तनपान सप्ताह का महत्व कई गुना बढ़ गया है, क्योंकि डॉक्टर मानते हैं और कई शोधों में प्रमाणित भी हुआ है। मां का दूध बच्चों की इम्युनिटी बढ़ाता है। साथ ही कोरोना संक्रमित मां के दूध में वायरस नहीं होता। पं. जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज के बायोकेमेस्ट्री विभाग में वैज्ञानिक डॉ. नेहा सिंह द्वारा किए जा रहे इस शोध के प्राथमिक परिणाम में इसकी पुष्टि भी हो चुकी है।

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स्वास्थ्य विभाग द्वारा सभी जिला सीएमएचओ को लिखे पत्र में इस बात का प्रमुखता से उल्लेखित किया गया है कि मां का दूध शिशुओं के मानसिक स्वास्थ्य, विकास, डायरिया, निमोनिया और कुपोषण से बचाने और स्वास्थ्य के लिए आवश्य है। बच्चों के मानसिक एवं शारीरिक विकास के लिए यह अत्यंत महत्वपूर्ण है। जिन शिशुओं को 1 घंटे के अंदर स्तनपान नहीं करवाया जाता, उन नवजातों में मृत्युदर की संभावना 33 प्रतिशत अधिक होती है। 6 माह तक स्तनपान करवाने से दस्त रोग और निमोनिया के खतरे को 11 से 15 प्रतिशत तक कमी लाई जा सकती है। स्तनपान स्तन कैंसर से होने वाली मौतों को भी कम करता है। पूरे सप्ताह प्रदेश के सभी स्वास्थ्य केंद्रों में स्तनपान को लेकर जागरुकता अभियान चलाए जाएंगे।

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क्या कहते हैं विशेषज्ञ
यूनिसेफ छत्तीसगढ़ के प्रमुख जॉब जकरिया ने कहा, मां का दूध बच्चों को मृत्यु, बीमारियों और कुपोषण से बचाता है। लैंसेट जर्नल के अनुसार, जन्म के 1 घंटे के भीतर शिशुओं को स्तनपान कराने और पहले 6 महीनों के लिए केवल स्तनपान कराने से 5 साल से कम उम्र के बच्चों की मृत्यु प्रकरणों को रोका जा सकता है।

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