पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह ने पूछा की प्रदेश में डीजल व पेट्रोल की कीमत कितनी व कितने की छूट दी गई? साथ ही पिछले तीन वर्षों में वैट के रूप में राज्य सरकार को कितनी राशि प्राप्त हुई? जिसके जवाब में जवाब दिया गया कि वर्तमान में छत्तीसगढ़ में पेट्रोल की कीमत 102.44, और डीजल की 95.42 रुपये प्रति लीटर है। राज्य सरकार द्वारा पेट्रोल पर 24 प्रतिशत+2 रुपये और डीजल पर 23 प्रतिशत+1 रुपये वैट निर्धारित किया गया है। विधानसभा में सरकार की तरफ से बताया गया की अगर अन्य चार राज्यों की तुलना की जाए तो उड़ीसा के प्रति लीटर डीजल 95.30 छत्तीसगढ़ में अंतर 95.42 के अंतर 0.12, उड़ीसा में पेट्रोल 103.17 छत्तीसगढ़ में 102.44 अंतर 4.73 पैसे का है। सरकार ने इसके आलावा महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश, और मध्य प्रदेश से भी राज्य की तुलना की। इसके अतिरिक्त सरकार की तरफ से बताया गया की पेट्रोल और डीजल को वैट के रूप में 2019-20 में 3883.87करोड़ रूपए प्राप्त हुए जो 2020-21 में 4205.59 करोड़ रूपए हो गए। साल 2021-22 में ये बढ़कर 5378.77 करोड़ रूपए हो गए।
प्रश्नकाल के दौरान भाजपा विधायक नारायण चंदेल ने सरकारी दुकानों में नकली शराब बिकने का मुद्दा उठाया। उन्होंने बताया, पियक्कड़ों का एक प्रतिनिधिमंडल उनसे मिला था। उन लोगों ने उनसे कहा, शराब पिकअप नहीं पकड़ रही है। जिस पर मंत्री कवासी लखमा ने बताया की जांजगीर-चांपा में एक शिकायत मिली थी, जहाँ कार्रवाई कर दी गई है। आबकारी विभाग के सब इंस्पेक्टर को निलंबित किया गया है। रायगढ़ में भी पांच शिकायतें थीं। वहां प्लेसमेंट एजेंसी को हटा दिया गया है। वहां भी इंस्पेक्टर स्तर के अधिकारी को निलंबित किया गया है। वहां आबकारी अधिकारी को शो काज नोटिस दिया गया है। अगर संतोषजनक उत्तर नहीं मिला तो उनपर भी कार्रवाई होगी।
जिसके बाद विधायक अजय चंद्राकर ने पूछा की शराब में मिलावट की शिकायत की जांच की क्या व्यवस्था है। किस स्तर का अधिकारी जांच करता है। जिस पर आबकारी मंत्री की जगह मंत्री मोहम्मद अकबर ने जवाब दिया की विभाग के पास इसकी जांच के लिए प्रयोगशाला है। वहीं हाइड्रोमीटर की मदद से मौके पर भी जांच की जाती है।