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रियल एस्टेट-ट्रांसपोर्ट कंपनियों के 50 ठिकानों पर IT विभाग छापेमारी, करोड़ों के लेनदेन और बेनाम संपत्ति जब्त

locationरायपुरPublished: Jan 23, 2019 08:51:52 am

Submitted by:

Deepak Sahu

आयकर अन्वेषण विभाग ने मंगलवार को रियल एस्टेट, पॉवर प्लांट और ट्रांसपोर्ट कंपनियों के ठिकानों पर छापेमारी की

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रियल एस्टेट-ट्रांसपोर्ट कंपनियों के 50 ठिकानों पर IT विभाग छापेमारी, करोड़ों के लेनदेन और बेनाम संपत्ति जब्त

रायपुर. आयकर अन्वेषण विभाग ने मंगलवार को रियल एस्टेट, पॉवर प्लांट और ट्रांसपोर्ट कंपनियों के छत्तीसगढ़, दिल्ली और पश्चिम बंगाल स्थित 50 ठिकानों पर छापेमारी की कार्रवाई की। यह कार्रवाई रायपुर, बिलासपुर, कोरबा, खरसिया, रायगढ़, दिल्ली और कोलकाता स्थित 15 फैक्ट्रियों, 16 दफ्तरों और करीब 20 घरों में चल रही है।
छापेमारी के लिए भोपाल, इंदौर और जबलपुर से स्पेशल टीम को बुलाया गया है। करीब 200 से अधिक अधिकारियों-कर्मचारियों की टीम को इस कार्रवाई के लिए तैनात किया गया है। साथ ही सुरक्षा के लिए 150 से अधिक पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया है। प्राथमिक जांच में करोड़ों रुपए के फर्जी लेनदेन, बेनामी संपत्ति और स्टॉक से संबंधित दस्तावेज मिले हंै। फिलहाल अन्वेषण विभाग के अधिकारी इसकी छानबीन में जुटे हैं।

इनकी हो रही जांच
आयकर विभाग की टीम कारोबारियों की सभी फर्मों में लेनदेन के दस्तावेज, कम्प्यूटर, कैश बुक, स्टॉक का मूल्यांकन, निर्मित एवं अर्धनिर्मित मॉल, खरीदी-विक्रय और आय-व्यय की जांच कर रहे हैं। साथ ही उनकी चल-अचल संपत्ति और घरों से बरामद ज्वेलरी, बैंक खाते, फिक्स डिपॉजिट, शेयर, निवेश से संबंधित कागजात, बैंक लॉकर के दस्तावेज और जमीन खरीदी की जांच की जा रही है।

इतनी फर्में निशाने पर
कारोबारी ग्रुप के द्वारा पॉवर प्लांट, स्टील एवं सरिया, कोलवॉशरी, रियल एस्टेट, ट्रांसपोर्ट सहित उससे जुड़ी हुई आधा दर्जन से अधिक फर्मों का संचालन किया जाता है। इसमें 15 से अधिक संचालक जुड़े हुए हैं। वे बड़े उद्योगों और बड़ी फर्मों को कोयला, सरिया और कच्चेमाल की आपूर्ति करते हैं। बताया जाता है कि ज्यादातर संचालकों के राज्य से बाहर होने के कारण उनसे पूछताछ नहीं हो पाई है।

दूसरी बार छापेमारी की कार्रवाई
करोड़ों रुपए के टर्नओवर वाली कंपनियों के ठिकानों पर दूसरी बार छापेमारी की गई है। इससे पहले वर्ष 2011 में अन्वेषण विभाग ने दबिश दी थी। इस दौरान करोड़ों रुपए की टैक्स चोरी पकड़ी गई थी। बता दें कि वित्तीय वर्ष 2018-19 में आयकर विभाग की यह सबसे बड़ी कार्रवाई है।

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