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जैनमुनि महाश्रवण बोले – यदि राज्य सरकार उनसे अनुरोध करेगी तो वे नक्सलियों से भी चर्चा करने को तैयार हैं

locationरायपुरPublished: Jan 09, 2021 05:41:44 pm

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CG Desk

– सरकार चाहे तो नक्सलियों और सरकार के बीच मध्यस्ता करने को तैयार है। – हैदराबाद से रायपुर की पदयात्रा पर निकले हैं।

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रायपुर। नक्सल प्रभावित क्षेत्र में पहली बार शांति का संदेश देने पदयात्रा पर निकले जैन समाज तेरापंथ धर्मसंघ के 11 वें संत आचार्य महाश्रमण मुनि नक्सलियों और राज्य सरकार के बीच मध्यस्ता करने को तैयार है। उनका कहना है, यदि राज्य सरकार उनसे अनुरोध करेगी तो वे नक्सलियों से भी चर्चा करने को तैयार हैं, लेकिन इसके लिए एक ईमानदार कोशिश होनी चाहिए।
पत्रिका के सवाल पर मर्यादा महोत्सव रायपुर के आयोजनकर्ता महेन्द्र धाड़ीवाल ने आचार्य जी से चर्चा की और बताया कि आचार्य जी का मानना है, कोई भी व्यक्ति हिंसा के रास्ते पर नहीं चलना चाहता है। उन्हें कुछ लोग जानबूझकर गलत रास्ते पर ले जाते हैं। उन्होंने बताया कि वे लोगों को हिंसा का रास्ता छोड़कर शांति के मार्ग पर चलने का संदेश देते हैं। उनके आह्वावान पर अब तक सैकड़ों लोग नशा और व्यसन छोड़ चुके है। बता दें कि आचार्य महाश्रमण मुनि 1 दिसंबर 2020 को हैदराबाद से रायपुर की पदयात्रा पर निकले है। पिछले 29 दिनों में करीब 90 ग्रामीण क्षेत्रों से होते हुए नक्सल प्रभावित बस्तर के सुकमा जिले में पहुंचे हैं।
सिर्फ सही मार्गदर्शन की जरूरत
धाड़ीवाल ने बताया कि आचार्य महाश्रमण मुनि का कहना है, हिंसा का रास्ता अपनाने वाले युवा वर्ग रास्ते से भटके हुए हैं। उन्हें सही मार्गदर्शन देने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि हथियार लेकर उग्र रास्ते पर चलने वाले को बहकाया गया है।
नेपाल और भूटान की यात्रा
मर्यादा महोत्सव रायपुर के आयोजनकर्ता महेन्द्र धाड़ीवाल ने बताया कि आचार्य महाश्रमण मुनि नेपाल, भूटान के साथ ही देश के 23 राज्यों की पदयात्रा कर चुके है। 1974 में 12 वर्ष की आयु में उन्होंने दीक्षा ग्रहण की। वह अब तक करीब 50 हजार किलोमीटर से ज्यादा की पदयात्रा कर चुके है। 14 फरवरी को रायपुर आने के बाद वह सप्ताहभर यहीं रहेंगे। इसके बाद वह नागपुर होते हुए मध्यप्रदेश के इंदौर से राजस्थान के भीलवाड़ा जाएंगे।
वर्दी पहने युवाओं ने किया नमन
आचार्य जी के साथ पदयात्रा पर चल रहे लोगों ने बताया कि रास्तेभर ग्रामीणों ने उनका आशीर्वाद लिया। घने जंगलों से गुजरते समय कुछ वर्दी पहने हुए युवा लोगों ने स्वागत करने के साथ ही उन्हें नमन किया। साथ ही अपने रास्ते चले गए।
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