scriptकुतुब मीनार से भी ऊंचा है छत्तीसगढ़ का जैतखाम, यहां हर साल आते हैं लाखों सैलानी | Jaitkham of Chhattisgarh is higher than Qutub Minar | Patrika News

कुतुब मीनार से भी ऊंचा है छत्तीसगढ़ का जैतखाम, यहां हर साल आते हैं लाखों सैलानी

locationरायपुरPublished: Dec 20, 2021 12:59:26 am

Submitted by:

bhemendra yadav

हम आपको बताने जा रहे हैं छत्तीसगढ़ के ऐसे पर्यटन स्थल के बारे में जिसकी ख्याति देशभर में फैली हुई है।

jaitkham_2.jpg
बलौदाबाजार. छत्तीसगढ़ के ऐसे पर्यटन स्थल के बारे में जिसकी ख्याति देशभर में फैली हुई है। छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर से 145 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है गुरू घासीदास का जन्म स्थान गिरौधपुरी, जहां पर विशाल जैतखाम स्तंभ का निर्माण किया गया है। जो पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र हैं।
जैतखाम स्तंभी की सबसे खास बात यह है कि यह मीनर दिल्ली के कुतुबमीनर से भी ज्यादा ऊंचा है। गिरौधपुरी पहुंचने से पहले ही यह स्तंभ दूर से दिखने लगता है। सफेद रंग से बने इस स्तंभ की बनावट इतनी अच्छी है कि इसे देखते ही लोगों का मन प्रसन्न हो जाता है। शाम को इस जगह का नजारा देखते लायक होता है।
जैतखाम की छत पर जाने के लिए दो तरफ से दरवाजे बनाए गए हैं और दोनों तरफ 435-435 सीढिय़ां हैं। गिरौधपुरी सतनामी समाज के लोगों का धार्मिक स्थल है। जैतखाम को बनाने के लिए सात खंभों का इस्तेामाल किया गया है। इसके अंदर एक विशाल हॉल है। जैतखाम गुरू घासीदास मंदिर से कुछ ही दूरी पर स्थित है। देशभर से लाखो सैलानी हर साल यहां आते रहते हैं।
गिरौदपुरी जैतखाम का डिजाइन वास्तुकला का बेजोड़ नमूना है। यह एक विशाल स्थान है इसकी छत तक पहुंचने के लिए 2 द्वार बनाए गए हैंं। प्रत्येक द्वार पर छत तक जाने के लिए 435 सीढ़ियां बनाई गई हैै।
इस दोनों सीढ़ियों की विशेष बात यह है कि इन ये दोनों अलग अलग है लेकिन इन सीढ़ियों के अलग अलग होने के बावजूद यह दोनों एक दूसरे के ऊपर दिखाई देते हैं। इन सीढ़ियों के एक साथ दिखने के बावजूद भी इन सीढ़ियों पर लोगों का मिलन ऊपर छत पर ही संभव हो पाता है।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो