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जनजाति संस्करीति : घोटुल माने विस्वविद्यालय

locationरायपुरPublished: Aug 28, 2023 03:47:43 pm

Submitted by:

Gulal Verma

घोटुल ह मुरिया जनजातिमन के परमुख सामाजिक संस्था हरे। मेल-जोल के सबले बढिय़ा माध्यम हरे। जेकर माध्यम ले मुरिया जनजाति संगठित रहिथे अउ अपन संस्करीति, सभ्यता अउ संस्कार ले जुड़े रहिथे।

जनजाति संस्करीति : घोटुल माने विस्वविद्यालय
जनजाति संस्करीति : घोटुल माने विस्वविद्यालय
छत्तीसगढ़ के बस्तर छेत्र अपन जनजातीय संस्करीति के सेती भारत के संगे-संग दुनिया भर म एक अलगे पहिचान रखथ। इहां के रहन-सहन, आचार-बिचार, संस्करीति, सभ्यता, परंपरा, संस्कार जहां लोगनमन बर अचरज के बात हे, त इहां के कतको नियम-धियम ह अबूझ पहेली घलो हे। जउन ल समझना वोतेक सरल नइहे जइसे हमन उपरे उपर समझे के कोसिस करथन। अइसने एक पहेली हरे ‘घोटुल’। जेला हमन सिरिफ परेम परसंग के जगा समझ जाथन।
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