scriptआदिवासी महिला की जान की खातिर, सेना के जवानों ने छत्तीसगढ़ के जंगल में 7 Km पैदल चलकर पहुंचाया अस्पताल | Jawan save life of tribal women on shoulder for 7km hiking CG forest | Patrika News

आदिवासी महिला की जान की खातिर, सेना के जवानों ने छत्तीसगढ़ के जंगल में 7 Km पैदल चलकर पहुंचाया अस्पताल

locationरायपुरPublished: Oct 13, 2017 01:57:12 pm

बहादुर भारतीय सैनिकों ने कठिन परिस्थितियों में बीमार आदिवासी महिला की जान की खातिर उसे अपने कंधों पर उठाकर 7 किलोमीटर पैदल चलकर उसकी जान बचा ली

jawan
रायपुर. छत्तीसगढ़ घोर नक्सल प्रभावित क्षेत्र में सेना के जवानों ने मानवता की मिसाल पेश की है। बहादुर भारतीय सैनिकों ने कठिन परिस्थितियों में बीमार आदिवासी महिला की जान की खातिर उसे अपने कंधों पर उठाकर 7 किलोमीटर पैदल चलकर उसकी जान बचा ली। यह घटना तब हुई जब दंतेवाड़ा के जंगल में सीआरपीएफ के जवान सर्चिंग पर निकले हुए थे। इस घटना ने एक बार फिर साबित कर दिया नक्सली भले ही उनके लोगों को गोलियों से छलनी कर दे लेकिन भारतीय सेना के जवानों में हर नागरिकों के प्रति उनके दिल में प्यार और दया भाव जिंदा है।
Jawan save tribal woman life
जानिए पूरा मामला
दरअसल नक्सलियों के मूवमेंट की सूचना पर सेना के जवानों की एक टुकड़ी सर्चिंग के लिए जंगल रवाना हुई थी। जंगल में ण्क कर से बच्चों की रोने की आवाज सुनकर जवान हैरान रह गए। जब वहां पहुंचे तो देखा कि मां के पास बैठकर बच्चे रो रहे थे। यह देखने के बाद जवानों ने महिला से बात। हालांकि महिला कुछ बोल नहीं पाई। महिला का शरीर भठ्टी की तरह तप रहा था, जवानों ने तुरंत लकड़ी और चादरों से एक स्ट्रेचर बनाया और उस महिला को लिटाकर अस्पताल के लिए निकल गए। महिला का घर बीच जंगल में होने की वजह से अस्पताल 7 किलोमीटर दूर पड़ा। बावजूद जवानों ने उसे कंधे उठाकर ७ किलोमीटर चला। यह निडर जवान बिना अपनी जान की परवाह किए जंगल के रास्ते से होते हुए उस महिला को उठाकर ले गए। मुख्य सड़क पर पहुंचने के बाद इन जवानों ने एम्बुलेंस का इंतजाम करके इस महिला को अस्पताल पहुंचाया।
Jawan save tribal woman life
जवानों ने बताया कि उनके पति जंगल में लकडियां इकठ्ठा करने गए हुए थे। जबकि उनके बच्चे घर के बाहर असहाय बैठे हुए रो रहे थे। जवानों ने आपस में विचार-विमर्श कर बीमार महिला को तुरंत उपचार के लिए अस्पताल ले जाना ज़रूरी समझा।
Jawan save tribal woman life
इस घटना ने यह साबित कर दिया कि सीआरपीएफ के जवान केवल सीमा पर युद्ध ही नहीं करते बल्कि जब भी ज़रुरत हो, यह अपने देश वासियों की मदद और सुरक्षा के लिए हमेशा तैयार रहते हैं। वे कभी भी अपनी जान की परवाह किए बिना दूसरों का जीवन बचाकर अपना कत्र्तव्य हमेश निभाते हैं।

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