ये है वजह
एक्सपर्ट की मानें तो कई छात्र एनआइटी में दाखिला ले रहे होंगे। क्योंकि एनआइटी में जेइइ मेंस बेस पर ही प्रवेश मिल जाता है। वहीं आइआइटी कानपुर में जारी नंबर पर काल करने पर वहां मौजूद अधिकारी ने बताया कि हमने प्रेस रिलीज में आंकड़े जारी किए हैं लेकिन ये अभी फाइनल नहीं है। कुछ दिनों बाद परफेक्ट आंकड़े जारी होंगे। कुछ बच्चों का पेमेंट पार्ट फंसा हुआ है। यह 12 या 24 घंटे में क्लियर होगा। इसके बाद स्थिति क्लियर हो पाएगी। प्राप्त आंकड़ों के मुताबिक 1,27,793 ब्वॉयज ने रजिस्ट्रेशन कराया है, जबकि गल्र्स में सिर्फ 32923 ने पंजीयन किया है। जबकि थर्ड जेंडर की संख्या जीरो है।
ये आए थे रैंकिंग में
उल्लेखनीय है कि जेइइ मेंस में रायपुर के छात्र अंकित भाडू, आयाम महाजन और अंजय गोयल आदि अव्वल रहे। वहीं एक निजी एकेडमी के संचालक ने बताया कि उनके संस्थान से 42 स्टूडेंट्स क्वाफाई हुए हैं, जिनमें चार स्टूडेंट्स टॉप रैंकिंग में शामिल हैं। वहीं भिलाई के छात्र सुयश सिंह को ऑल इंडिया में 99वीं रैंक मिली है। जेइइ-मेन के जरिए देश के 31 एनआइटी, 18 ट्रिपलआइटी, 18 सेन्ट्रल फंडेड इंस्टीट्यूट की करीब 25 हजार सीटों पर सीधा प्रवेश मिलता है। इसके अलावा इस स्कोर के आधार पर देश के कई राज्यों के इंजीनियरिंग कॉलेजों में भी प्रवेश दिया जाता है। जेइइ में क्वालिफाई करने वाले छात्र एडवांस की परीक्षा देकर आइआइटी में सीट पक्की करेंगे।