प्रदेश के सभी शासकीय एवं अर्ध शासकीय कार्यालयों में 25 मई को शहीदों की स्मृति में दो मिनट का मौन धारण कर श्रद्धांजलि दी जाए तथा यह शपथ ली जाए कि राज्य को पुनः शांति का टापू बनाने के लिए हम सब संकल्पित रहेंगे।
बता दें कि 7 साल पहले 25 मई 2013 को छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित सुकमा जिले के झीरमघाटी में नक्सलियों ने खूनी खेल खेला था और 31 कांग्रेस नेताओं की हत्या की थी। झीरम घाटी नक्सली हमले में दिग्गज कांग्रेसी नेता महेन्द्र कर्मा और तत्कालीन कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष नंद कुमार पटेल, पूर्व केंद्रीय मंत्री विद्याचरण शुक्ल की इस हमले में मौत हो गई थी।