हजारों प्रशंसक, समर्थक और राजनीति से जुड़े लोग बंगले में मौजूद थे। इस दौरान उनके लिए प्रार्थना का आयोजन किया गया। और फिर उनके अपने वाहन (एंबुलेंस) में उनकी पार्थिव देह रखी गई। इस दौरान जोगीजी अमर रहें, जब तक सूरज चांद रहेगा जोगी तेरा नाम रहेगा… नारे लगे। कई लोग रो पड़े। हमेशा उनके साथ रहने वाले पीएसओ की आंखें भी भर आईं। पत्नी डॉ. रेणु जोगी, बेटा अमित जोगी और बहू हाथ जोड़कर सबको धन्यवाद कह रहे थे। और धीरे-धीरे शव-वाहन उन्हें लेकर गृहग्राम के निकल पड़ा। और पीछे छूट गया जोगी बंगला…। सूनसान, विरान और खामोश जो शनिवार से पहले शायद कभी नहीं रहा। दरवाजे पर एक फ्लैक्स लगा हुआ था, जिसमें मुसकुराती हुई फोटो के साथ लिखा था अजीत जोगी जी अमर रहें…।
कुछ ऐसे भी चहेरे थे जो कभी उनके साथ नहीं दिखे
इस दौरान कई ऐसे भी लोगों को पूर्व मुख्यमंत्री जोगी के अंतिम दर्शन करते आते देखा गया जो कभी उनके साथ नहीं देखे गए। इनमें कई अफसर थे। कई अफसर से नेता बनने वाले भी थे। ये चुपचाप आए, नमन किया और चले गए। बिल्कुल संभव है कि ये जोगी के किसी न किसी गुण के मुरीद रहे हों।