जोगी ने प्रदेश सरकार की तबादला नीति पर तंज कसते हुए कहा कि विगत 10 दिनों में प्रदेश के पुलिस महकमा में एक ‘तबादला उद्योग’ प्रारंभ हो गया है। प्रतिदिन सैकड़ों की संख्या में पुलिस विभाग के अधिकारियों को उक्त प्रावधानों और नियमों के विरुद्ध स्थानांतरित किया जा रहा है। ऐसा लगता है कि ये सब आगामी लोकसभा चुनावों को प्रभावित करने के उद्देश्य से किया जा रहा है।
उन्होंने छत्तीसगढ़ पुलिस अधिनियम 2007 की धारा 12, 14 और 32 और सर्वोच्च न्यायालय के आदेशों का हवाला देते हुए हाल में हुए पुलिस विभाग में थाना प्रभारियों और पुलिस अधीक्षकों के ताबड़तोड़ तबादलों और एसआईटी गठन के आदेशों को निरस्त करने की मांग की है।
बतादें कि प्रदेश में सत्ता में आने के बाद कांग्रेस सरकार ने नौकरशाहों और कर्मचारियों के ताबड़तोड़ तबादले किए। गौरतलब है कि पिछले दो माह के दौरान राज्य सरकार अब तक लगभग 200 तबादले कर चुकी है। इनमे 81 तबादले आइएएस के और 37 तबादले आइपीएस के हैं। बाकी सारे तबादले राज्य सेवा के अधिकारियों के किए गए हैं।