हार्मोनियम वादन के साथ ही रघुनाथ ने ‘ऐसी लागी लगन’ पर सुरों का ऐसा समा बाधां कि सब मंत्रमुग्ध रह गए। आज कलेक्टर हरिस एस ने रघुनाथ को इस विशिष्ट उपलब्धि के लिए बधाई दी और भविष्य में गायन-वादन के क्षेत्र में सफलता के लिए शुभकामनाएं दी। रघुनाथ को सबल फाऊंडेशन द्वारा प्रशस्ति पत्र और 10 हजार का चेक पुरस्कार प्रदान किया गया है।
संगीत के सुरों से गढ़ना चाहता हूं अपना भविष्य
सुकमा विकासखण्ड अंतर्गत ग्राम सोनाकुकानार के निवासी रघुनाथ नाग, पांच भाई बहनों में चौथे हैं। जन्म से ही दृष्टिबाधित रघुनाथ ने दुनिया अपने मन की आखों से देखी और इनमें रंग भरे हैं। करीब 12 वर्ष की उम्र में रघुनाथ के पिता सोनु राम नाग ने उसका दाखिला जिले के आकार संस्था में करवाया, जहां दिव्यांग बच्चों को विशेष देखरेख के साथ ही शिक्षा प्रदान की जाती है। आकार संस्था में आकर रघुनाथ को दुनिया और रंगीन दिखने लगी, यहां उस जैसे ही बहुत से दिव्यांग बच्चे थे, जो अपनी दुनिया गढ़ने में मस्त रहते।
कक्षा छटवीं में रघुनाथ को संगीत के सुरों ने अपनी ओर आकर्षित किया और वह उसमें बंधता चला गया। वर्तमान में रघुनाथ कक्षा दसवीं में पढ़ रहा है और एक पारंगत गायक के साथ ही उम्दा हार्मोनियम वादक भी है। वह अभी ढोलक और तबला वादन भी सीख रहा है। उसने बताया कि सुरों के संगम में जीवन आसान लगता है, मुझे कभी इस बात का अहसास नहीं होता कि मैं देख नहीं सकता। बल्कि उसे इस बात की खुशी है कि वे इस कोरे संसार को अपने पंसद के सुरों में पिरोते हैं। रघुनाथ संगीत के क्षेत्र में ही अपना भविष्य बनाना चाहता है, और अपने परिवार के साथ ही सुकमा जिले और छत्तीसगढ़ का नाम रौशन करना चाहता है।