बचपन से सुनता आया था कि म्यूजिक से जिंदगी नहीं बनती
म्यूजिक में आने से पहले मैं कई चीजों को ट्राई कर चुका था। लेकिन दक्ष किसी में भी हो न पाया था। बचपन से यही सुनता रहा कि म्यूजिक को बस हॉबी रखना। इससे जिंदगी नहीं बनती। ये तो शौकिया होता है। जब कच्ची उम्र में डाउट्स डाल दिए जाएं तो आपका कॉन्फिडेंस डाउन हो जाता है। फिर आप कोई न कोई दूसरा गड्ढा खोदने में लगे रहते हैं कि क्या पता यहीं से मेरी जिंदगी का आबेहयात निकले। मेरा काफी वक्त जाया हो चुका था। मुंबई पहुंचते तक पकाउ उम्र 29 या 30 हो गई थी। फिल्मी नहीं इल्मी म्यूजिक में रूझान चूंकि मेरी जिंदगी में म्यूजिक पल रहा था। दूसरे काम करते वक्त भी मैं छिपकर म्यूजिक करता था। ये जरूर है कि मैं कभी फिल्मी म्यूजिक नहीं बल्कि इल्मी संगीत सुनना चाहता था। तालीम याफ्ता लोगों को सुनता था। मुझे लगा कि अगर हम साउंड बदल दें तो यूथ को पसंद आएगा। परमात्मा ने सुनी। कैलासा बैंड के जरिए पहला एल्बम तेरी दीवानी को पर लग गए। दूसरा और तीसरा एल्बम भी हिट गया। हिट पे हिट आाने से अलग स्तर बन गया। संगीत के साथ लेखनी और कंपोजिंग से पहचान बन गई।अंजाने में अक्षय के लिए गाना
मुंबई आने के बाद मुझे जिंगल गाने का मौका मिला। पहली कमाई थी 5 हजार रुपए। उस वक्त लगता था कि जिंगल ही गाता रहूंगा। उन्होंने जब अंदाज फिल्म में रब्बा इश्क न होवे गवाया उस वक्त ये नहीं पता था कि अक्षय कुमार के लिए है। जब मुझे पता चला तो मुझे उतनी खुशी भी नहीं हुई क्योंकि फिल्मों के लिए गाना मेरा मकसद नहीं था, मेरे जानने वाले जरूर इस गाने को लेकर एक्साइटेड थे। इस तरह बॉलीवुड में शुरुआत हुई और वैसा भी होता है में अल्लाह के बंदे… गाने का मौका मिला। इसके बाद तो तमाम बड़े एक्टर के साथ मैंने गया। बाद में पता चला कि वे भी मेरे फैंस हैं।कितने हेल्पफुल होते हैं रियलिटी शो
रियलिटी शो कभी-कभी हेल्पफूल होते हैं। वे ग्रोथ को रोक देते हैं। कामयाबी और इसकी भूख तलवार की धार होती है। इसमें चलना भी है लेकिन खुद को जख्मी भी नहीं होने देना है। इसी बात का ख्याल रख लें। चले ते गायक बनने बन गए स्टार, न इधर के रहे न उधर के रहे मेरे यार। स्टार को कड़ी तपस्या के बाद कामयाबी मिलती है। तभी उनकी चमक लंबे समय तक बरकरार रहती है। थोड़ी देर की चमक या भ्रम के चक्कर में प्रैक्टिस न छोड़ें। इंसानियत या मेहनत भूल जाएं। इससे आप भरम में तो जी लेंगे लेकिन सत्य की चमक अलग होती है। अभ्यास जारी रखें। विनम्रता कम न होने दें।इज्जत के साथ मशहूर होना…
आप तभी कामयाब होंगे जब परमात्मा का और माता-पिता का आशीर्वाद साथ हो। इनका आशीर्वाद तभी मिलता है जब आप अपने संस्कारों को न मिटने दें। दुनिया में आप कितनी भी तरक्की करें, दौलत कमाएं, सबकुछ करें। लेकिन कभी-कभी मशहूर हो सकते हैं, इज्जत के साथ मशहूर होना तभी होता है जब मां-बाप की खिदमत की हो। इंसानियत और परमात्मा को मानते हुए चलें। प्रेम और सफलता दोनों मिलती है।
मुझे गाना नहीं आता
मैं जब गा रहा होता हूं तो परमात्मा से कनेक्शन फील करता हूं। सच कहूं तो मैं नहीं गाता, मेरा दाता ही गाता है। मुझे गाना नहीं आता।जो दाना मिट्टी में गलता है एक दिन वही फलता है