देश की रक्षा के लिए सेना में ही रहना जरूरी नही
हीरालाल ने कहा कि देश की रक्षा के लिए सेना में ही रहना जरूरी नहीं है, प्रत्येक व्यक्ति अपने फील्ड में महारत होकर भी समाज व राष्ट्र हित में अपनी भागीदारी प्रस्तुत कर सकता है। आप देश के सिपाहियों की तरह कलम की ताकत को अपना हथियार बनाएं और देश निर्माण तथा समाज निर्माण में बहुमूल्य योगदान दें। उन्होंने भारतीय सेना के शहीद जवानों की शौर्यवान वह कीर्तिवान गाथा का वर्णन कर विद्यार्थियों को प्रेरित कर देशप्रेम की भावना जागृत की। यादव ने विभिन्न क्षेत्रों में ख्याति प्राप्त देश के आदर्श कहे जाने वाले विभूतियों की जीवनी का वर्णन करते हुए उनके जीवन के संघर्षों की व्याख्या की।