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दोगुना का झांसा देकर 31 करोड़ रुपए लेकर गायब हुआ अनमोल इंडिया कंपनी, हरकत में आई पुलिस

locationरायपुरPublished: Jun 24, 2018 05:38:06 pm

एक माह के भीतर कार्यालय को 75 कंपनियों के खिलाफ शिकायत मिली है, जिसमें अनमोल इंडिया कंपनी के निवेशक 18 हजार आवेदन आए

CG News

31 करोड़ रुपए लेकर गायब हुआ अनमोल इंडिया कंपनी, हरकत में आई पुलिस

रायपुर. छत्तीसगढ़ के अलग-अलग इलाकों में फिर से चिटफंड कंपनियों ने अपना कारोबार शुरू कर दिया है। कांकेर जिले में करीब 75 चिटफंड कंपनियां ऐसे हैं जिसने भोले-भाले जनता को पैसा दुगूना का झांसा देकर करोड़ों रूपए जमा करवा कर गायब हो गए हैं। गरीब अब पैसा पाने की आस में दर-दर ठोकरे खा रहे हैं। जिला कार्यालय के मुताबिक एक माह के भीतर कार्यालय को 75 कंपनियों के खिलाफ शिकायत मिली है, जिसमें अनमोल इंडिया कंपनी के निवेशक 18 हजार आवेदन आए, जिसमें जमा करने वालों हितग्राही अलग शामिल है।
इनकी कुल राशि मूलधन जमा राशि 31 करोड़ रूपए का आंकड़ा आया है। कंपनी के परिवक्ता तिथि पूरी होने पर 52 करोड़ रूपए से अधिक है। इस आधार पर अन्य कंपनियों के आकड़ों आने पर जिले से निवेशिकों की राशि अरबों में जाने की संभावना है।
विदित हो कि चिटफंड कम्पनियों में अपनी करोड़ों की पूंजी डुबा चुके हजारों लोगों को जिला प्रशासन के आश्वसन पर कुछ उम्मीद जगी है। करीब एक माह पहले कलक्ट्रेट परिसर में सभी पीडि़तों ने अपना आवेदनों को जमा किया। यह बता दें कि करीब पांच साल पहले नगर और अंचल में चिटफंड कम्पनियों की बाढ़ थी। अधिकांश परिवार कम समय में धन दोगुना की लालच में अपनी जमा पूंजी को चिटफंड एजेंटों के झांसे में आकर लाखों करोड़ों डूबा चुके हैं। चिटफंड कम्पनियां और एजेंटों की साठगांठ से गरीबों को लूटा गया। कुछ चिटफंड कम्पनियों के मालिक जेल में तो कुछ फरार बताए जा रहे हैं।
चिटफंड कम्पनियों के एजेंट भी पीडि़तों की राशि से कमीशन के खेल में लखपति बन चुके हैं। इन कम्पनियों में लाखों करोड़ों जमा करने के बाद पीडि़तों का समय पर धन नहीं मिला तो आए दिन कलक्ट्रेट में शिकायत पर इन कम्पनियों में पंूजी डुबाने वालों का दस्तोवज जमा करने के लिए जिला प्रशासन ने कहा था, जिसके आधार पर करीब एक माह तक सभी पिडि़तों का फार्म जमा किया गया है। अब सभी निवेशकों का डाटा एंट्री किया जा रहा है। जिला कार्यालय के अनुसार जांच के दौरान में अब तक मात्र दो कं पनियों का डाटा एंट्री पूरी हो पाई है। जिसमें 18 हजार आवेदन अनमोल इंडिया के है।
जिनका कु ल राशि 31 करोड़ रूपए गणना में आए है। इसी तरह सांई प्रसाद कंपनी के 8 हजार निवेशकों के 15 करोड़ रूपए कंपनी को जमा किया गया है। इसकी एंट्री अभी और बची है। इसी तरह 75 कंपनियों की राशि इस आधार पर विचार लगाया जा सकता है कि जिले के लोगों ने कंपनियों को कितना राशि जमा और किए होगे। विभागीय पक्रिया पूरी होने के बाद ही स्पस्ट हो पाएगीं। लगातार कर्मी काम करने में लगे हुए है।

कहां से मिल जाता है परमिशन
कुछ पीडि़तों का कहना था कि चिटफंड कार्यालय खोलने के लिए आखिर परिमशन कैसे मिल जाता है। अगर प्रदेश व केन्द्र स्तर पर शासन के द्वारा इन कंपनी के संचालकों को कार्यालय खोलने का परमिशन नही दिया जाता तो लोग इन फर्जी चिटफंड के चक् करों में ध्यान नही देते। लोगों ने शासन व जिला प्रशासन से अपील किया है कि अब भविष्य में इस तरह के चिटफंड कंपनी को खोलने परमिशन न दे।

पांच करोड़ रुपए का हो गया एफआईआर
कार्यालय के मुताबिक गणना हो गई कंपनी के निवेशकों के आवेदन के आधार पर पांच करोड़ जमा राशि का एफआईदर्ज करवा दिया गया है। कार्यालय के द्वारा जिला एवं सत्र न्यायालय को आवेदन भेज दिया गया। आवेदन की पक्रिया पूरी होने के बाद अन्य कंपनियों को भी दस्तावेज न्यायालय में पेश किया जाएगा। बताया गया कि उक्त कंपनी के अलावा सन साईन, देवयानी, एचबीएन, बीएन गोल्ड, सन प्लांट, सांई प्रसाद, साई प्रकाश, बीए एलल सहित अन्य कंपनी शामिल है।

ग्रामीण रुपए मिलने की आस में
अपनी जमा पूंजी कंपनी में जमा कर ठगी होने के बाद जिला प्रशासन से पैसा मिलने की आस लगाए बैठे है। माह भर पहले जमा किए आवेदन के बाद अब हजारों पिडि़तों की नजर कलक्टर व जिला प्रशासन कार्यालय पर टिकी है कि उनकी रूपए वापस करवाई जाएगी। कुछ पिडि़त तो इसकी पूछताछ करने के लिए कार्यालय पहुंच रहे है। कुछ ग्रामीणों ने कहा कि प्रशासन के द्वारा जब कंपनी जिला मुख्यालय व ग्रामीण क्षेत्रो ं में अपनी कार्यालय खोलकर लोगों को रूपए दुुगूना होने का लालच दे रहे थे, उसी समय कंपनी के विरूद्ध कार्रवाई करना था, इससे सैकड़ों ग्रामीण अपनी जमा पूंजी जमा करने से बच जाते।

आवेदनों की जांच जारी है। सभी दस्तावेजों की पक्रिया पूरी होने के बाद एफआईआर दर्ज करवाई जाएगी। कलक्टर के निर्देश पर सभी दस्तावेज जिला एवं सत्र न्यायालय में पेश किया जाएगा।
आर आर ठाकुर , अपर कलक्टर जिला उत्तर बस्तर कांकेर

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