छः और मरीज को एम्स से छुट्टी
लगातार पॉजिटिव मरीजों के मिलने की खबर के बीच एम्स से कटघोरा के चार मरीजों को बुधवार को डिस्चार्ज कर दिया गया है। गुरूवार शाम तक 6 मरीजों की छुट्टी कर दी गई है। ये सभी अप्रैल के दूसरे सप्ताह में एम्स में भर्ती करवाए गए थे। महज, एक हफ्ते के इलाज में ये कोरोना वायरस फ्री हो गए। मगर, अभी 10 मरीजों का इलाज जारी है। सूत्रों के मुताबिक किसी की भी स्थिति गंभीर नहीं है। ये भी तेजी से रिकवर कर रहे हैं। जल्द छुट्टी मिल सकती है।
पॉजिटिव मरीजों के संपर्क वालों को खोजा जाए : समिति
सरकार के आदेश पर स्टेट कोरोना कोर कमेटी के सदस्य एवं विशेष सचिव सीआर प्रसन्ना के नेतृत्व में बनाई गई चार सदस्यीय समिति ने कटघोरा से लौटकर अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंप दी है। ” पत्रिका ” को सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक कमेटी ने सुझाव दिया है, जिनमें पॉजिटिव मरीजों के संपर्क में आए हर एक व्यक्ति की पहचान की जाए। जांच की जाए। जरूरत पड़े तो सैंपलिंग की जाए।
– धारा 144, राज्य कोरोना महामारी नियंत्रण अधिनियम का सख्ती से पालन करवाया जाए। यहां काम करने वाले सभी कर्मियों को सुरक्षात्मक सभी सुविधाएं मुहैया करवाई जाएं।
– कोरबा की ईएसआईसी बिल्डिंग में जल्द से जल्द कोविड 19 हॉस्पिटल का काम पूरा किया जाए। यहां 100 बिस्तर की व्यवस्था हो। आईसोलेशन वार्ड, आईसीयू वार्ड तत्काल तैयार किए जाएं।
हॉट स्पॉट और कंटेन्मेंट जोन में अंतर
हॉट स्पॉट- मंगलवार तक कटघोरा हॉट स्पॉट था। यानी की पूरे कटघोरा वासियों की जांच के आदेश थे और पूरे इलाके को सील करने करके रखा गया था। हॉट स्पॉट का कोई दायरा नहीं होता।
क्या होता है कंटेन्मेंट जोन
इलाके की निगरानी को लेकर कानूनन सख्ती बरती जाती है। पूरे इलाके की सीसीटीवी कैमरे और ड्रोन के जरिए निगरानी की जाती है। स्वास्थ्य कर्मी और निकाय से सफाई कर्मचारी पूरे इलाके को सेनिटाइज करेंगे। लोगों के आने-जाने पर पूरी तरह से पाबंधी रहेगी। मोबाइल एप के जरिए गैर कोरोना संक्रमित मरीजों की जांच भी होगी। कंटेंमेंट जोन का दायरा सीमित होता है। देश में इनकी संख्या 1200 से अधिक है।
डॉ. अखिलेश त्रिपाठी, उप संचालक एवं प्रवक्ता, स्वास्थ्य विभाग