scriptकेदार ने कहा…आरोपियों को संरक्षण दे रहे हैं मरकाम, थाने पहुंचकर दबाव डाला | kedar kashyap said PCC Chairman mohan markaam protection accused | Patrika News

केदार ने कहा…आरोपियों को संरक्षण दे रहे हैं मरकाम, थाने पहुंचकर दबाव डाला

locationरायपुरPublished: Aug 09, 2022 12:33:44 pm

Submitted by:

Mansee Sahu

कश्यप ने कहा कि भ्रष्टाचार के आरोपियों के लिए पीसीसी अध्यक्ष का थाने पहुंचकर छुड़ाने के लिए दबाव डालना यह दर्शाता है कि इनके भ्रष्टाचार को पीसीसी अध्यक्ष का समर्थन है।

pie_2.jpg

कोंडागाँव। अवैध वसूली के मामले में सोमवार को कोंडागांव पुलिस द्वारा गिरफ्तार पूर्व बीईओ संदीप श्रीवास्तव एवं अवधेश पांडे के मामले में पीसीसी अध्यक्ष मोहन मरकाम के हस्तक्षेप की भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता केदार कश्यप ने निंदा की है। कश्यप ने कहा कि भ्रष्टाचार के आरोपियों के लिए पीसीसी अध्यक्ष का थाने पहुंचकर छुड़ाने के लिए दबाव डालना यह दर्शाता है कि इनके भ्रष्टाचार को पीसीसी अध्यक्ष का समर्थन है। दोनों आरोपियों में से एक विधायक मरकाम के प्रतिनिधि का भाई भी है। कश्यप ने आरोप लगाया कि संदीप को बीईओ बनवाने में पीसीसी अध्यक्ष की भूमिका रही है। इसलिए आरोपियों के भ्रष्टाचार को उनका पूरा संरक्षण मिला। इसी कारण इतने लंबे समय तक ना मामला दर्ज हुआ और ना ही कोई कार्रवाई। केदार कश्यप ने कहा कि दोनों आरोपियों के कारनामों की लंबी फेहरिस्त है। इनके पूरे कार्यकाल की जांच की जानी चाहिए, यदि मामले की निष्पक्ष जांच होती है तो भ्रष्टाचार के कई मामले उजागर होंगे।

डेढ़ साल पुराना मामला
तकरीबन डेढ़ साल पहले स्कूलों में तीन फोटो के नाम पर हजारों रूपए की वसूली करने के का मामला सामने आया था। अब जाकर एफआईआर हुई है। कोतवाली पुलिस ने पूर्व बीईओ संदीप श्रीवास्तव व बीआरसी अवधेश पांडे को गिरफ्तार कर लिया था। इस मामले में पीसीसी अध्यक्ष मोहन मरकाम ने थाने पहुंच गए। पुलिस के मुताबिक दोनों आरोपियों के खिलाफ पहले विभागीय जांच की गई थी, जिसमे आरोप सही पाए गए थे। इसके पश्चात दोनो के खिलाफ प्रशासन ने एफआईआर करवाई थी । जिस पर कोतवाली कोंडागाँव में धारा 420,467,468 व 471 के तहत अपराध दर्ज किया गया था। तत्कालीन डीईओ राजेश मिश्रा भी इस मामले में आरोपी है। उनकी गिरफ्तारी अभी नही हुई है।

दोनों आरोपी जेल भेजे गए
पुलिस ने इन दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट मोना चौहान के न्यायालय में पेश किया गया। जहां इनकी जमानत की अर्जी खारिज होने पर दोनों आरोपियों को न्यायिक रिमांड पर जेल भेज दिया गया है। एसडीओपी निमितेश सिंह के मुताबिक डीईओ की भी गिरफ्तारी जल्दी की जाएगी।

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो