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धान में निकलने लगी बाली, बेमौसम बारिश ने बढ़ाई किसानों की परेशानी

locationरायपुरPublished: Oct 13, 2022 04:14:39 pm

Submitted by:

Gulal Verma

इस वर्ष अच्छी बारिश से किसानों को अच्छी फसल की उम्मीद थी। पिछले तीन-चार दिनों से हो रही बारिश की वजह से खेतों में पड़ी धान की फसल लेट रही है। खेतों में पानी भरने की वजह से तैयार होकर खड़ी फसल नुकसान होने की आशंका बढ़ गई है। कोरदा के किसान मृत्युजंय वर्मा ने बताया कि धान की फसल को काटने के लिए जमीन का सूखना भी जरूरी है।

धान में निकलने लगी बाली, बेमौसम बारिश ने बढ़ाई किसानों की परेशानी
धान में निकलने लगी बाली, बेमौसम बारिश ने बढ़ाई किसानों की परेशानी
कोरदा (लवन)। इस वर्ष अच्छी बारिश से किसानों को अच्छी फसल की उम्मीद थी। पिछले तीन-चार दिनों से हो रही बारिश की वजह से खेतों में पड़ी धान की फसल लेट रही है। खेतों में पानी भरने की वजह से तैयार होकर खड़ी फसल नुकसान होने की आशंका बढ़ गई है। कोरदा के किसान मृत्युजंय वर्मा ने बताया कि धान की फसल को काटने के लिए जमीन का सूखना भी जरूरी है। यदि इसी तरह बारिश का असर रहा तो धान काटने के लिए लोगों को काफी मशक्कत करनी पड़ सकती है। साथ ही बारिश की वजह से ही कीट पतंगों का भी प्रकोप फसलों में बढ़ते क्रम पर है। फसल को बीमारी से बचाने के लिए कीटनाशक का छिडक़ाव किसानों के द्वारा किया जा रहा है, लेकिन समय-समय पर हो रही बारिश ने दवाई के छिडक़ाव को बेअसर कर दिया है।
इस बार समय पर हुए अच्छी बारिश से खेतों में धान की फसल लहलहा रही है। कई इलाकों में धान में अब बाली निकलने लगी है। कई खेत में 60 से 70 फीसद तक बाली बाहर निकल गई है। अब इसमें कुछ समय के बाद दाना भरेगा। ऐसे वक्त में धान को साफ मौसम की आवश्यकता होती है। ताकि धान में ओस की बूंदें भरकर चावल का दाना बन सके, लेकिन फिर हर दिन बारिश हो जाने से किसानों का डर बढऩे लगा है। धान का फूल बारिश में बह जाएगा। इससे उत्पादन बुरी तरह प्रभावित हो सकता है।
कोरदा के ही किसान जोगेंद्र वर्मा ने बताया कि अब तक धान को मौसम का ऐसा साथ कभी नहीं मिला था। समय पर बारिश से पहले धान की रोपाई हुई। इसके बाद भी लगातार बारिश से धान का साथ मिलता रहा। खेतों में कोई बीमारी भी नहीं दिख रही है। इससे बढिय़ा धान उन लोगों ने आज तक नहीं उपजाया था। लेकिन, जिन किसानों ने पहले ही धान की बुवाई, धान रोप दिया था, उसमें अब बाली निकल रही है। इससे धान में दाना के बदले बदरा की संभावना बढ़ जाएगी। वहीं, बारीश की वज़ह से भी कीट प्रकोप बढऩे की आशंका है।

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