एक हालिया शोध से पता चलता है कि कॉस्मेटिक्स, फर्नीचर और नॉनस्टिक कुकवेयर सहित उपभोक्ता उत्पादों में विस्तृत रूप में पाए जाने वाले केमिकल मध्यम आयु वर्ग की महिलाओं में डायबिटीज को बढ़ावा दे रहे है। पीएफएएस के रूप में जाने वाले केमिकल खाद्य पैकेजिंग से लेकर कॉस्मेटिक्स तक कई उत्पादों में पाए जाते हैं।
अध्ययन के लिए, शोधकर्ताओं ने 45 से 56 वर्ष की उम्र की 1,237 डायबिटीज मुक्त महिलाओं के आंकड़ों की जांच की। अध्ययन की शुरुआत में, सभी महिलाओं के पास पीएफएएस (पॉलीफ्लोरोआकाइल और पेरफ्लूरोएकल पदार्थ) नामक केमिकल के लिए ब्लड टेस्ट किया गया, इस केमिकल का उपयोग दाग- प्रतिरोधी और नॉनस्टिक बनाने के लिए किया जाता है।
लगभग 16 वर्षों की इस शोध से यह पता चला कि कुल 102 महिलाओं में डायबिटीज विकसित हुआ। शोधकर्ताओं ने डायबेटोलोजिया में बताया कि सात अलग-अलग प्रकार के पीएफएएस केमिकल से खतरा हो सकता है, महिलाओं में डायबिटीज विकसित होने की संभावना दोगुनी से अधिक है।
पीएफएएस (PFAS) एक सार्वजनिक स्वास्थ्य चिंता है क्योंकि वह पर्यावरण और मानव शरीर में बहुत हानिकारक हैं, यही वजह है कि उन्हें केमिकल के रूप में जाना जाता है। शोधकर्ताओं ने नोट किया कि एडल्ट महिलाओ में अधिकांश मामले टाइप 2 डायबिटीज के हैं, जो उम्र बढ़ने और मोटापे से जुड़े हैं।
पिछले अध्ययनों ने पीएफएएस केमिकल को डायबिटीज के बढ़ते जोखिम से जोड़ा है। EPA के अनुसार, इन केमिकल के संपर्क में आने से कई अन्य स्वास्थ्य समस्याएं भी हो सकती हैं |
जिनमें शामिल हैं:
- महिलाओं में फर्टिलिटी में कमी और गर्भावस्था में खतरा बढ़ जाता है
- जन्म के समय कम वजन
- किडनी, सहित कुछ कैंसर के जोखिम
- संक्रमण से लड़ने की क्षमता में कमी और टीकों के प्रति खराब प्रतिक्रिया
- मोटापे का बढ़ता खतरा
एक्सपर्ट की सलाह
एलर्जी एक्सपर्ट ने इस संबंध में दो प्रमुख सुझाव जारी किए हैं। इसमें प्रमुख है फीवर एंटीहिस्टामाइन (fever antihistamine) से बचना, शोधकर्ताओं ने नोट किया कि रसायनों के ज्यादा इस्तेमाल ने पीएफएएस जोखिम को एक गंभीर हेल्थ प्राब्लम में बदल दिया है। इसे देखते हुए कुछ प्रोडक्ट को बैन किया जाना चाहिए। वहीं नेचुरल प्रोडक्ट का इस्तेमाल हमारे शरीर के लिए सबसे ज्यादा मुफीद है।
रिसर्च किया है - महामारी विज्ञानी डॉ सुंग क्यून पार्क (Dr Sung Kyun Park) और मिशिगन विश्वविद्यालय (University of Michigan researchers)
- वहीं ब्रिटेन में नए शोध मे कहा गया है कि ब्यूटी प्रोडक्ट कुछ खास किस्म के रसायनों से डायबिटीज होने का खतरा बढ़ जाता है। शोध के अनुसर पेथलेट्स रसायन की मौजूदगी नेल पॉलिश, हेयर स्प्रे, साबुन और शैंपू जैसे कई प्रोडक्ट में पाया गया है। यही रसायन डायबिटीज का बड़ा कारण बना है।