आम लोगों और उद्योगों को राहत
सेल टैक्स बार एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष महेश शर्मा ने कहा कि पेट्रोल-डीजल में वैट करने से आम लोगों को लाभ होगा, वहीं उद्योगों के लिए यह बेहतर होगा। परिवहन क्षेत्रों में इसका बड़ा असर हो सकता है। वैट कम करने से राज्य सरकार को घाटा नहीं सहना पड़ेगा।
कम नहीं होगा राजस्व, बल्कि बढ़ेगा
पेट्रोल-डीजल में वैट कम करने के मामले में विशेषज्ञों का कहना है कि इससे राजस्व में कमी नहीं आएगी बल्कि वृद्घि होगी। अर्थशास्त्री अशोक पारख ने कहा कि पेट्रोल-डीजल में सबसे अधिक 25 फीसदी वैट वसूला जा रहा है। सरकार चाहे तो वैट या सरचार्ज कम कर सकती है, जिसके बाद कीमतों से ग्राहकों को राहत मिलेगी। वैट कम करने के बाद राजस्व में कमी नहीं बल्कि खपत बढऩे की वजह से वृद्घि होगी।
सेल टैक्स बार एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष महेश शर्मा ने कहा कि पेट्रोल-डीजल में वैट करने से आम लोगों को लाभ होगा, वहीं उद्योगों के लिए यह बेहतर होगा। परिवहन क्षेत्रों में इसका बड़ा असर हो सकता है। वैट कम करने से राज्य सरकार को घाटा नहीं सहना पड़ेगा।
कम नहीं होगा राजस्व, बल्कि बढ़ेगा
पेट्रोल-डीजल में वैट कम करने के मामले में विशेषज्ञों का कहना है कि इससे राजस्व में कमी नहीं आएगी बल्कि वृद्घि होगी। अर्थशास्त्री अशोक पारख ने कहा कि पेट्रोल-डीजल में सबसे अधिक 25 फीसदी वैट वसूला जा रहा है। सरकार चाहे तो वैट या सरचार्ज कम कर सकती है, जिसके बाद कीमतों से ग्राहकों को राहत मिलेगी। वैट कम करने के बाद राजस्व में कमी नहीं बल्कि खपत बढऩे की वजह से वृद्घि होगी।
पेट्रोल-डीजल से 29 फीसदी राजस्व वाणिज्यिक कर विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक पेट्रोल-डीजल से राज्य सरकार को 28 से 29 फीसदी राजस्व हासिल होता है। वित्तीय वर्ष 2016-017 में विभाग को प्रदेश में 11 हजार करोड़ से अधिक का राजस्व प्राप्त हुआ था, जिसमें सिर्फ पेट्रोल-डीजल से 29 फीसदी यानी 3000 करोड़ से अधिक का राजस्व मिला।