आइये जानते हैं प्रदेश में अब तक मिले 10 कोरोना पॉजिटिव में से 8 लोगों का सफ़ल इलाज कर चुके एम्स के निदेशक डॉ. नितिन एम नागरकर से जानते हैं कोरोना से जुड़े सभी जरुरी सवालों के जवाब…
प्रश्न- आपने किन दवाइयों का इस्तेमाल करके मरीजों को ठीक किया ?
डायरेक्टर- कोरोना वायरस के लिए अब तक विश्व में कोई दवा नहीं बनी हैं। आईसीएमआर गाइड लाइन के मुताबिक उम्र के हिसाब से पॉजिटिव मरीजों को क्लोरोक्विन फास्फेट, पैरासिटामॉल, सेटरीजिन, पनटोप्रॉजोल, डॉक्सीसीक्लीन आदि दवाएं दी जाती हैं।
प्रश्न-सभी मरीजों की रिकवरी एक जैसी थी या किसी के लिए कुछ खास करना पड़ा?
डायरेक्टर-मरीज कितना संक्रमित है और उसकी इम्युनिटी सिस्टम कितनी मजबूत है, इलाज उसपर निर्भर करता है। यदि मरीज कम संक्रमित है तो वह जल्द ठीक हो जाता है। एम्स में जितने मरीज अब तक आएं हैं, सभी की इम्युनिटी सिस्टम काफी अच्छी थी।
प्रश्न-जब मरीज बढ़ रहे थे तो किस तरह का दबाव महसूस कर रहे थे?
डायरेक्टर-हमें मालूम नहीं था कि कितने मरीज आएंगे इसलिए हमने पहले से तैयारी कर रखी थी। आयुष बिल्डिंग में अभी 200 बेड लगाए गए हैं। यदि इससे ज्यादा मरीज बढ़ते हैं तो हमारे पास 500 बेड उपलब्ध है।
प्रश्न-अभी हमारी क्षमता रोजाना कितने टेस्ट करने की है?
डायरेक्टर-पीपीई किट लगातार आ रही है। राज्य और केंद्र सरकार से प्रतिदिन किट मिल रहा है। हमने कल ही 10 हजार किट की मांग की है। फिलहाल 300-400 से अधिक किट उपलब्ध है।
प्रश्न-क्या आने वाले समय में मरीज बढ़ सकते हैं? हमारी आगे की तैयारी क्या है?
डायरेक्टर-अभी फिलहाल कुछ कहना जल्दबाजी होगी। लेकिन यदि मरीजों की संख्या बढ़ती हैं तो इसके लिए अलग से वेंटिलेटर और आईसीयू बेड तैयार रखा गया है। अलग से एक्सरे मशीन और अल्ट्रासाउंड मशीन रखी गई है। डॉक्टर और स्टॉफ भी पर्याप्त हैं।
प्रश्न-अभी हमारी क्षमता रोज कितने टेस्ट करने की है?
डायरेक्टर-वायरस रिसर्च एंड डायग्नोस्टिक लैब (वीआरडीएल) में प्रतिदिन 400 से 500 सैंपल की जांच की रही है। जल्द ही इसकी क्षमता और बढ़ाई जाएगी। इसमें मशीनरी बढ़ाने की तैयारी चल रही है ताकि मरीज बढ़े तो प्रतिदिन 1000 से ज्यादा सैंपल की जांच हो सके।
प्रश्न-क्या एम्स के अलावा अन्य अस्पतालों को भी इलाज के लिए तैयार किए जाने की जरूरत है?
डायरेक्टर-बिल्कुल। शासन अपनी तरफ से इसके लिए प्रयासरत भी है। एम्स के बाद जगदलपुर मेडिकल कॉलेज में सैंपल जांच की सुविधा हो गई है। रायपुर मेडिकल कॉलेज में भी जल्द शुरू होने वाली है। राज्य सरकार ने जो क्वारंटाइन बनाया है, वह सबसे अच्छी व्यवस्था है।
प्रश्न-क्या इलाज और जांच के लिए ज्यादा से ज्यादा डॉक्टर और पैरामेडिकल स्टॉफ को तैयार किया जाना चाहिए?
डायरेक्टर-डॉक्टर और पैरामेडिकल स्टॉफ को ट्रेनिंग दी जा रही है। कुछ दिनों पहले जगदलपुर और रायपुर मेडिकल कॉलेज के डॉक्टर और स्टॉफ ट्रेनिंग लेकर गए हैं। राज्य सरकार ने अपने डॉक्टर व स्टॉफ एम्स में पदस्थ किए हैं।
प्रश्न-इस वायरस का कहर कितने माह या कब तक रह सकता है?
डायरेक्टर-चीन में 3 माह के आसपास तक वायरस का प्रकोप रहा, इसलिए उसे ही स्टैंडर्ड मानकर चलना चाहिए। ज्यादा या कम हो सकता है। ज्यादा सोचकर चलना चाहिए, कम में हो जाए तो अच्छी बात है।
प्रश्न-लोगों को क्या संदेश देना चाहेंगे?
डायरेक्टर-सभी को यही कहना चाहूंगा कि कोरोना से डरे नहीं अपितु मिलकर लड़े और सरकार के आदेशों का पालन करें। कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने का एकमात्र तरीका यही कि सोशल डिस्टेंशिंग बनाए रखें। साफ-सफाई रखें। बिना वजह घर से बाहर न निकले।