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जानिए रायपुर के किस इलाके में कितनी गहराई में मिलता है पानी

locationरायपुरPublished: Mar 22, 2018 01:06:43 pm

Submitted by:

Tabir Hussain

विश्व जल दिवस पर जानिए छग के किस क्षेत्र में है क्रिटिकल सिचुएशन

world water day
ताबीर हुसैन @ रायपुर . चांदी सा चमकता ये नदिया का पानी रे पानी की हर इक बूंद देती जिंदगानी। अम्बर से बरसे जमीन पे गिरे नीर के बिना हो भैया काम ना चले ओ भैया काम ना चले, ओ मेघा रे जल जो न होता तो ये जग जाता जल.. गुजरे जमाने का मशहूर गीत रविंद्र जैन की कालजयी रचना है। विश्व जल दिवस 22 मार्च को मनाया जाता है। इसका उद्देश्य दुनिया के सभी विकसित देशों में स्वच्छ एवं सुरक्षित जल की उपलब्धता तय करवाना है। साथ ही यह जल संरक्षण के महत्व पर भी ध्यान केंद्रित करता है। ब्राजील में रियो डी जेनेरियो में वर्ष 1992 में आयोजित पर्यावरण तथा विकास का संयुक्त राष्ट्र सम्मेलन द्वारा आयोजित कार्यक्रम में विश्व जल दिवस मनाने की पहल की गई तथा वर्ष 1993 में संयुक्त राष्ट्र ने अपने सामान्य सभा के द्वारा निर्णय लेकर इस दिन को वार्षिक कार्यक्रम के रूप में मनाने का निर्णय लिया।
नगर निगम भी एलर्ट : नगर निगम नगर निवेशक बीएल अग्रवाल ने बताया, जब भी कोई नए भवन के लिए अनुमति लेने आता है उनसे वाटर हार्वेस्टिंग के लिए अमानत राशि जमा कराई जाती है। जब वह वाटर हार्वेस्टिंग बना लेता है तो राशि लौटा दी जाती है। नहीं बनाने पर पैसे लेप्स हो जाते हैं।

खारून गंगा यूथ ऑर्गेनाइजेशन का अभियान

खारून गंगा यूथ ऑर्गेनाइजेशन का गठन ५ जनवरी २००९ को किया गया। इसका मकसद पानी का दुरुपयोग रोक इसका संरक्षण करना है। संस्था द्वारा लीेकेज नल को सुधारने, टोंटी लगाने, वाटर के सोर्सेस को पॉल्यूशन से मुक्त करना है। अध्यक्ष राकेश भारती गोस्वामी ने बताया कि जल संरक्षण के क्षेत्र में किए जा रहे कार्य को देखते हुए वर्ष २०१२ में संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम के तहत वोल्वो एडवेंचर इंटरनेशनल अवॉर्ड मिल चुका है।
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रायपुर भाटागांव में 80 फुट तो भनपुरी में 500 फुट में उपलब्ध है पानी
करीब दो दशक से बोर चेक प्वाइंट देख रहे बीडी गुहा की मानें तो रायपुर में सबसे ज्यादा पानी 80 से 100फुट पर भाटागांव में उपलब्ध हो जाता है चूंकि खारून नदी का किनारा और एनीकेट में जल भराव रहता ही है। सबसे गहरा जल सिविल लाइंस क्षेत्र में 600 से 800 फीट पर मिलता है। शंकरनगर में भी 500 फुट के बाद ही पानी मिलता है। गुढियारी क्षेत्र में भी 300 से 400 फुट में, बूढ़ा तालाब के आसपास भी 100 से 200 फुट, भनपुरी क्षेत्र में पानी कम है। यहां भी 400 से 500 फुट में पानी मिलता है चूंकि उद्योगों में बहुत पानी की खपत होती है। पंडरी क्षेत्र में अभी भी 300 से 400 फुट पर पानी मिल जाता है।

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आंकड़ों में छत्तीसगढ़ की स्थिति
केंद्रीय जल भूमि बोर्ड के वैज्ञानिक महेश सोनकुसरे ने बताया कि छत्तीसगढ़ में 90 परसेंट पानी का उपायोग एग्रीकल्चर के लिए होता है। चार से पांच फीसदी डोमेस्टिक और महज दो से तीन प्रतिशत इंडस्ट्रीज यूज करते हैं। आंकड़ों पर नजर डालें तो धमतरी और बरमकेला ब्लॉक में 90 परसेंट पानी यूज हो रहा है। यहां की स्थिति क्रिटिकल है। जबकि दुर्ग के गुरुर इलाका ओवर एक्सपेलेड है। यहां पानी का उपयोग 110 फीसद है। वहीं 18 ब्लॉक सेमी क्रिटिकल हैं जहां 70 से 90 प्रतिशत पानी यूज हो रहा है। अन्य ब्लॉक सेव हैं जहां 70 परसेंट पानी का उपभोग किया जा रहा है।

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