मुठभेड़ को बताया फर्जी, ग्रामीणों ने कहा- पुलिस ने घर से निकालकर मारा बालसिंग को
रायपुरPublished: Nov 29, 2016 01:32:00 pm
मर्दापाल थानांतर्गत बावड़ी के जंगल में 24 नवंबर को मारे गए युवक बालसिंग
की अर्थी निकालकर ग्रामीणों ने पुलिस के खिलाफ प्रदर्शन किया…
fake encounter in Kondagaon
कोण्डागांव. मर्दापाल थानांतर्गत बावड़ी के जंगल में 24 नवंबर को मारे गए युवक बालसिंग की अर्थी निकालकर ग्रामीणों ने पुलिस के खिलाफ प्रदर्शन किया। हड़ेली गांव से निकले ग्रामीणों को पुलिस ने मर्दापाल थाना पहुंचने से पहले ही रोक लिया और उन्हें वापस जाने को कहा, लेकिन ग्रामीणों ने पुलिस की एक न मानी और वे शव को लेकर जिला मुख्याल में प्रदर्शन करने की बात पर अड़े रहे। ग्रामीणों के आक्रोश को देखते हुए भारी पुलिस बल तैनात हो गई थी।
नायब तहसीलदार भी उन्हें समझाने पहुंची। रास्ते में रोक लिए जाने के कारण नाराज परिजन और ग्रामीणों ने बालसिंग के शव को रास्ते में ही छोड़कर वापस चले गए। ग्रामीणों का कहना था कि पुलिस जिसे मुठभेड़ बता रही है वह फर्जी है और मारा गया युवक बालसिंग माओवादी नहीं है। पुलिस ने उसे घर से निकालकर मारा था।
ग्रामीणों की मांग है कि मारे गए बालसिंग के अपराधों को बताये कि वह कब से कब तक माओवादी था और उसे मारे जाने का कारण क्या था। ज्ञात हो चार दिन पहले बावड़ी जंगल में पुलिस ने एक वर्दीधारी को मारा था। जिसके पास से भारी मात्रा में हथियार बरामद हुए थे।
बालसिंग को पुलिस बता रही माओवादी
बालसिग को पुलिस माओवादी बताते हुए उसके खिलाफ कई थानो में मामला दर्ज होने की बात कह रही है। पुलिस के मुताबिक बालसिंग पूर्व में जनताना सरकार का अध्यक्ष रह चुका है। इसके साथ ही वह सजायाफ्ता भी था। जेल से छूटने के बाद वह एलओएस में सक्रिय सदस्य के रूप में काम कर रहा था। वह वर्दीधारी माओवादी था जो 12 बोर की बंदूक अपने साथ लेकर चलता था।
ग्रामीण माओवादियों के बहकावे में आकर इस तरह का प्रदर्शन कर रहे है। लगभग हर मुठभेड़ के बाद जब कोई माओवादी मारा जाता है तो वे लोगों को भड़काकर प्रदर्शन करवाते हैं।
महेश्वर नाग, एएसपी