छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने मंत्रिमंडल का विस्तार किया। रायपुर के पुलिस परेड मैदान में राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने 9 मंत्रियों को पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई।
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रायपुर. छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने मंगलवार को मंत्रिमंडल का विस्तार किया। रायपुर के पुलिस परेड मैदान में राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने 9 मंत्रियों को पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई। कांग्रेस कार्यकर्ताओं से खचाखच भरे मैदान में साजा विधायक रविंद्र चौबे, प्रतापपुर विधायक डॉ. प्रेमसाय सिंह, कवर्धा विधायक मोहम्मद अकबर, कोंटा विधायक कवासी लखमा, आरंग विधायक डॉ. शिव डहरिया, डौंडीलोहारा विधायक अनिला भेड़िया, कोरबा विधायक जयसिंह अग्रवाल, अहिवारा विधायक गुरु रुद्रकुमार और खरसिया विधायक उमेश पटेल ने शपथ ग्रहण की।
इस दौरान मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, मंत्री द्वय टी.एस. सिंहदेव-ताम्रध्वज साहू, कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी पी.एल. पुनिया व प्रभारी सचिव चंदन यादव भी मौजूद थे। भूपेश मंत्रिमंडल में मंत्रियों की संख्या 11 हो गई है। मुख्यमंत्री ने एक पद अभी रिक्त रखा है।
बताया जा रहा है कि भारी विरोध की स्थिति में असंतुष्ट नेता को यह जगह दी जा सकती है। फिलहाल मंत्रिमंडल में क्षेत्रीय संतुलन से ज्यादा जातीय समीकरणों पर जोर है। 12 सदस्यीय मंत्रिपरिषद में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को मिलाकर सामान्य, पिछड़ा और आदिवासी वर्ग के तीन-तीन, अनुसूचित जाति वर्ग के 2 और अल्पसंख्यक समुदाय से एक मंत्री को जगह मिली है।
कवासी को एक-एक शब्द पढ़कर दिलानी पड़ी शपथ कोंटा विधायक कवासी लखमा मंत्री पद की शपथ लेने माइक के पास जैसे ही आए अफसरों ने राज्यपाल के कान में बताया कि उनको पढ़ना नहीं आता, शपथ को पूरा पढ़ना होगा। इसके बाद राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने शपथ का पूरा प्रारूप पढ़ा, जिसे कवासी ने दोहराया। इस दौरान वे कुछ शब्द दोहरा नहीं पाए।
रायपुर संभाग के नेताओं में भारी नाराजगी, समारोह में नहीं आए अमितेश मंत्रिमंडल के नामों के सामने आने के बाद रायपुर संभाग के नेताओं में भारी नाराजगी है। पूर्व मंत्री अमितेश शुक्ला शपथ ग्रहण समारोह में आए ही नहीं। ‘पत्रिका’ से बातचीत में अमितेष ने कहा कि उनके क्षेत्र के नाराज लोग घर आ गए थे, उनको समझाने-बुझाने में देर हो गई। मुझे भी निराशा तो हुई है, लेकिन अभी भी उम्मीद है।
पूर्व मंत्री धनेंद्र साहू भी नाराज दिखे। उनके समर्थकों ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के खिलाफ नारेबाजी की और चेतावनी दी कि उनके नेता को मंत्री नहीं बनाया गया तो कांग्रेस लोकसभा का चुनाव हार जाएगी। राज्यसभा सांसद छाया वर्मा उनको मनाने घर पहुंची तो धनेंद्र साहू ने दो-टूक कह दिया कि उन्हें उनकी सहानुभूति की जरूरत नहीं है। पूर्व मंत्री सत्यनारायण शर्मा शपथ ग्रहण समारोह में पहुंचे जरूर, लेकिन उनके समर्थकों ने मुख्यमंत्री के फैसले का विरोध किया।