script40 घंटे में 200 किलोमीटर पैदल चलकर बचाई जान, मजदूर हो गए थे मानव तस्करी के शिकार | Korba Laborers become victims of human trafficking in Bihar | Patrika News

40 घंटे में 200 किलोमीटर पैदल चलकर बचाई जान, मजदूर हो गए थे मानव तस्करी के शिकार

locationरायपुरPublished: Oct 24, 2019 08:34:00 pm

Submitted by:

Karunakant Chaubey

Human Trafficing in Chhattisgarh: उन्हें काम के बदले में सिर्फ खाने को दिया जाता था और रात में उन्हें कमरे में बंद कर दिया जाता था। जब उन्होंने अपनी मजदूरी मांगी तो उनकी पिटाई कर दी गयी और पिटाई का ये सिलसिला हर बार मजूरी मांगने पर चलता रहता था।

40 घंटे में 200 किलोमीटर पैदल चलकर बचाई जान, मजदूर हो गए थे मानव तस्करी के शिकार

40 घंटे में 200 किलोमीटर पैदल चलकर बचाई जान, मजदूर हो गए थे मानव तस्करी के शिकार

रायपुर. Human Trafficing in Chhattisgarh: कोरबा जिले 6 मजदुर भिलाई के स्टील प्लांट में पांच महीने पहले मजदूरी करने के लिए गए। दो महीने काम करने के बाद उन्हें उनके ठेकेदार शंकर ने ज्यादा मजदूरी का लालच दिया और उन्हें औरंगाबाद के नवीगर ले गया। जहां वो सरिया फैक्ट्री में काम करने लगे।

कुष्ठ विभाग के अधिकारी ने नशीली दवाएं देकर नाबालिग का अश्लील वीडियो बनाया और तीन साल तक किया दुष्कर्म

लेकिन उन्हें काम के बदले में सिर्फ खाने को दिया जाता था और रात में उन्हें कमरे में बंद कर दिया जाता था। जब उन्होंने अपनी मजदूरी मांगी तो उनकी पिटाई कर दी गयी और पिटाई का ये सिलसिला हर बार मजूरी मांगने पर चलता रहता था। मजदूरों को वहां से घर जाने का रास्ता भी नहीं पता था। उन्होंने आसपास लोगों से पता पूछा और वहां से भाग निकले।

बेटी के लव मैरिज से गुस्साए बाप ने समधी को पहले लात घूसों से पीटा फिर मुंह काला कर पिलाया पेशाब

वहां से वो जैसे-तैसे रामानुजगंज पहुंचे। युवकों को पैदल अंबिकापुर की ओर जाते देख मॉर्निंग वॉक कर रहे सुरेंद्र गुप्ता ने पूछताछ की तो युवकों ने पूरी कहानी बताई। उन्होंने बताया की 40 घंटे में 200 किलोमीटर पैदल चलकर यहां पहुंचे।बंधक युवक कोरबा के पाली के रहने वाले हैं।

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो