त्रिवेणी संगम में नदिया मड़ई का हुआ आयोजन, उमड़ी भारी भीड़, लक्ष्मण झूला बंद रहने से लोग हुए परेशान
रायपुरPublished: Nov 08, 2022 04:16:14 pm
त्रिवेणी संगम स्थित श्रीकुलेश्वरनाथ महादेव मंदिर क्षेत्र में प्रतिवर्षानुसार इस वर्ष भी कार्तिक पूर्णिमा पर मड़ई मेले का आयोजन किया गया। कार्तिक पूर्णिमा में त्रिवेणी संगम में स्नान कर लोग पुण्य लाभ लेते हैं। परन्तु इस वर्ष पूर्णिमा पर चन्द्रग्रहण के चलते एक दिन पूर्व ही मड़ई मेला का आयोजन किया गया। नगर सहित आसपास के लोग मड़ई लेकर यहां पहुंचते हैं और पूजा-अर्चना के बाद मड़ई लेकर वापस चले जाते हैं।


त्रिवेणी संगम में नदिया मड़ई का हुआ आयोजन, उमड़ी भारी भीड़, लक्ष्मण झूला बंद रहने से लोग हुए परेशान
नवापारा राजिम। त्रिवेणी संगम स्थित श्रीकुलेश्वरनाथ महादेव मंदिर क्षेत्र में प्रतिवर्षानुसार इस वर्ष भी कार्तिक पूर्णिमा पर मड़ई मेले का आयोजन किया गया। कार्तिक पूर्णिमा में त्रिवेणी संगम में स्नान कर लोग पुण्य लाभ लेते हैं। परन्तु इस वर्ष पूर्णिमा पर चन्द्रग्रहण के चलते एक दिन पूर्व ही मड़ई मेला का आयोजन किया गया। नगर सहित आसपास के लोग मड़ई लेकर यहां पहुंचते हैं और पूजा-अर्चना के बाद मड़ई लेकर वापस चले जाते हैं। मिली जानकारी के अनुसार इस मड़ई मेले के बाद पूरे छत्तीसगढ़ में मड़ई मेला का प्रारंभ हो जाता है।
हजारों की संख्या में भगवान श्रीकुलेश्वरनाथ महादेव का दर्शन कर मड़ई मेला में रेत में लगे स्टॅाल पर खरीदारी कर रेत में बैठकर बच्चों के साथ पिकनिक का मजा लेते लोग नजर आए। वहीं कई लोगों ने रेत पर ही भोजन पकाकर मड़ई मेला का परिवार सहित आनंद लिया। वहीं मेले में भारी भीड़ के चलते व लक्ष्मण झूला बंद होने से मंदिर की सीढिय़ंा ना चढ़ पाने के कारण कई बुजुर्ग, महिलाएं, विकलांग श्रध्दालु भगवान श्रीकुलेश्वरनाथ महादेव के दर्शन से वंचित रह गए। करोड़ों की लागत से बने लक्ष्मण झूला श्रध्दालुओं के लिए केवल आकर्षण का केन्द्र व सेल्फीजोन बनकर रह गया। क्योंकि, लोमश ऋषि आश्रम से सीधे श्रीराजीवलोचन मंदिर के लिए ही लक्ष्मण झूला चालू था, जबकि लक्ष्मण झूला से श्रीकुलेश्वरनाथ महादेव मंदिर जाने के मार्ग को बंद कर देने से बुजुर्गों, महिलाओं व बच्चों का काफी परेशानी का सामना करना पड़ा। लोग शासन- प्रशासन को कोसते नजर आए कि इतनी बड़ी राशि खर्च करने के बाद भी जिस उद्देश्य से यह लक्ष्मण झूला बनाया गया, वह ही पूरा नहीं हो रहा। या फिर गुजरात में हुई इसी तरह के पुल के ढह जाने से जहां सैकड़ों लोगों की मौत हो गई, उसे देखते हुए पुल की मजबूती में कमी की आशंका से इस पुल को पूर्णिमा में आए श्रध्दालुओं के लिए भी नहीं खोला गया।
विदित हो कि कुछ महीनों पूर्व ही लक्ष्मण झूला के उद्घाटन के बाद कुछ तकनीकी कमियों के चलते लक्ष्मण झूला को एक माह के लिए बंद कर दिया गया था। फिर उसमें सुधार कर पुन: प्रारंभ किया गया। ऐसी क्या वजह है कि बार-बार कमियों की आशंका के चलते श्रध्दालुओं को इस लक्ष्मण झूला का लाभ नहीं मिल पा रहा है।