'गजब विटामिन भरे हुए हे छत्तीसगढ़ के बासी मा'
— Bhupesh Baghel (@bhupeshbaghel) April 28, 2022
पहली मई यानी श्रमिक दिवस के दिन हम सब बोरे बासी खाकर श्रम का सम्मान करेंगे और अपनी संस्कृति पर गर्व भी करेंगे। pic.twitter.com/1XrbGPdhwW
उन्होंने बासी की खासियत के बारे में बताते हुए कहा कि 'जब हम कहते हैं बटकी मा बासी अऊ चुटकी मा नून ,तो यह श्रृंगार हमें हमारी संस्कृति से जोड़ता है। गर्मी के दिनों में बोरे बासी शरीर को ठंडा रखता है, पाचन शक्ति बढ़ाता है त्वचा की कोमलता और वजन संतुलित करने में भी यह राम बाण है। बोरे बासी में सारे पोषक तत्व मौजूद होते हैं।'
उन्होंने आगे कहा कि हमें हमारी युवा पीढ़ी को अपने आहार और संस्कृति के प्रति गौरव का अहसास कराना बहुत जरूरी है। इसलिए मैं आप सभी से अपील करता हूं कि 1 मई को हम सब छत्तीसगढ़िया एक मई को बोरे बासी के साथ आमा के अथान ,अऊ गोंदली के साथ हर घर में बोरे बासी खाएं और अपनी संस्कृति और विरासत पर गर्व महसूस करें।