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रायपुर

CM भूपेश बोले- एनटीपीसी लारा भू-विस्थापितों को प्राथमिकता के आधार पर दे नौकरी

एनटीपीसी लारा ताप विद्युत परियोजना के लिए भूमि अधिग्रहण से प्रभावित 9 गांवों के 49 भू विस्थापित लोगों को उनकी पात्रता के अनुसार एनटीपीसी लारा द्वारा स्थायी नियुक्ति पत्र प्रदान किए गए।

रायपुरDec 06, 2021 / 07:08 pm

Ashish Gupta

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रायपुर. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल (CM Bhupesh Baghel) के लगातार प्रयासों और विशेष पहल से आज रायगढ़ में आयोजित कार्यक्रम में एनटीपीसी लारा ताप विद्युत परियोजना के लिए भूमि अधिग्रहण से प्रभावित 9 गांवों के 49 भू-विस्थापित लोगों को उनकी पात्रता के अनुसार एनटीपीसी लारा द्वारा स्थायी नियुक्ति पत्र प्रदान किए गए। मुख्यमंत्री बघेल भी इस कार्यक्रम में अपने निवास कार्यालय से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से जुड़े।
उन्होंने नौकरी प्राप्त करने वाले सभी लोगों को बधाई और शुभकामनाएं दी। उल्लेखनीय है कि इसके पहले भी प्रभावित 6 भू विस्थापितों को नौकरी दी गई थी। मुख्यमंत्री के निर्देश पर शेष बचे पदों पर भर्ती के लिए फिर से विज्ञापन निकालकर परीक्षा आयोजित की गई, जिसके माध्यम से आज 49 लोगों को आज नियुक्ति पत्र प्रदान किए गए। इस तरह अब तक कुल 55 भू-विस्थापितों को पात्रतानुसार नौकरी दी जा चुकी है।
एनटीपीसी लारा द्वारा भू-विस्थापितों के लिए विभिन्न कुशल ट्रेडों में आईआईटी डिप्लोमा, लैब असिस्टेंट और असिस्टेंट जनरल के 79 पदों पर भर्ती का विज्ञापन निकाला गया था। इनमें से 22 आरक्षित पदों पर नियुक्ति होना अभी शेष है। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने अभी भी शेष बचे हुए भर्ती के 22 पदों पर पात्र भू-विस्थापित लोगों को उनकी योग्यता अनुसार नियुक्ति प्रदान करने के लिए उचित पहल करने के निर्देश आज कार्यक्रम में उपस्थित एनटीपीसी प्रबंधन के अधिकारियों और कलेक्टर रायगढ़ को दिए हैं।
मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम में कहा कि एनटीपीसी लारा के लिए अधिग्रहित की गई भूमि से प्रभावित हुए भू-विस्थापितों को पात्रतानुसार प्राथमिकता के आधार पर एनटीपीसी लारा में भविष्य में होने वाली भर्तियों में नौकरी दी जानी चाहिए। छत्तीसगढ़ के लोगों को भी भर्ती में प्राथमिकता दी जानी चाहिए।
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कार्यक्रम में उपस्थित एनटीपीसी लारा के ईडी आलोक गुप्ता ने मुख्यमंत्री के निर्देशानुसार प्रभावित भू-विस्थापितों और छत्तीसगढ़ के लोगों को भविष्य में होने वाली भर्तियों में प्राथमिकता देने का आश्वासन दिया। आज आईआईटी इलेक्ट्रीशियन ट्रेड के पद पर 19, आईआईटी फिटर ट्रेड के पद पर 9, लैब असिस्टेंट कैमेस्ट्री के पद पर 5, डिप्लोमा इलेक्ट्रीकल ट्रेड के 4, डिप्लोमा मैकेनिकल ट्रेड के एक और असिस्टेंट जनरल के 11 पदों पर नियुक्ति पत्र प्रदान किए गए।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने एनटीपीसी लारा के भू-विस्थापितों को पात्रता अनुसार नान एक्जिक्यूटिव पदों पर नौकरी देने के निर्देश 5 मार्च 2019 को अपने निवास कार्यालय में आयोजित बैठक में एनटीपीसी के वरिष्ठ अधिकारियों, राजस्व मंत्री, मुख्य सचिव, राजस्व सचिव और कलेक्टर रायगढ़ की बैठक में दिए थे, जिसके तारतम्य में भू-विस्थापितों के लिए विभिन्न कुशल ट्रेडों में आईआईटी डिप्लोमा, लैब असिस्टेंट और असिस्टेंट जनरल के 79 पदों पर भर्ती का विज्ञापन जारी किया गया था।
इसके लिए प्रथम चरण में आयोजित लिखित परीक्षा और कौशल परीक्षण के आधार पर 6 उम्मीदवारों को नियुक्ति प्रदान की गई थी। मुख्यमंत्री के निर्देश पर एनटीपीसी लारा द्वारा नवम्बर 2020 में 73 पदों पर भर्ती के लिए पुनः विज्ञापन निकाला गया, जिसके लिए परीक्षा के बाद 49 उम्मीदवारों का चयन किया गया, जिन्हें आज नियुक्ति पत्र प्रदान किए गए।
कार्यक्रम के दौरान विधायक प्रकाश नायक ने मुख्यमंत्री से आग्रह किया कि एनटीपीसी लारा के भू-विस्थापितों तथा छत्तीसगढ़ के लोगों को प्राथमिकता के आधार पर नौकरी दी जानी चाहिए। कलेक्टर रायगढ़ श्री भीम सिंह ने कार्यक्रम में बताया कि एनटीपीसी लारा सुपर क्रिटिकल टेक्नॉलाजी पर आधारित बिजली संयंत्र है, जिसमें 800 मेगावाट क्षमता की 2 यूनिट हैं। इस संयंत्र से बिजली उत्पादन का 50 प्रतिशत हिस्सा छत्तीसगढ़ को मिलता है।
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उन्होंने बताया कि इस प्लांट के लिए 9 गांवों आरमुड़ा, बोड़ाझरिया, छपोरा, देवलसुर्रा, झिलगीटार, कांदागढ़, लारा, महलोई एवं रियापाली की 2000 एकड़ निजी भूमि अधिग्रहित की गई थी। इससे 2449 किसान प्रभावित हुए हैं। एनटीपीसी द्वारा अधिग्रहित भूमि के मुआवजे के रूप में 187 करोड़ रूपए की राशि जमा की गई है। उन्होंने बताया कि वर्तमान मंे प्रभावित गांवों के 500 लोग तथा छत्तीसगढ़ के अन्य जिलों के 550 लोग कार्यरत है। इसके अतिरिक्त वाहन मालिकों सहित प्रभावित लोगों को टाउन शिप में दुकाने और पीएपी वेण्डर को कार्य प्रदान किया जा रहा है।
उन्होंने बताया कि इस परियोजना से प्रभावित 1789 किसानों ने एक मुश्त पुनर्वास राशि 5 लाख प्रति एकड़ के मान से अधिकतम 25 लाख रूपए तथा 31 प्रभावित किसानों ने 30 वर्ष तक अर्जित भूमि पर 50 हजार रूपए प्रति एकड़ के मान से अधिकतम 5 एकड़ तक के लिए दी जाने वाली वार्षिंक वृत्ति का विकल्प दिया था।
दोनों विकल्पों के तहत अब तक प्रभावित किसानों को 118 करोड़ रूपए की राशि प्रदान की जा चुकी है, 688 भू-धारकों की पात्रता का परीक्षण जिला प्रशासन द्वारा किया जाना है। कलेक्टर ने एनटीपीसी द्वारा सीएसआर मद से कराए गए कार्यो की जानकारी भी दी। उन्होंने बताया कि सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र पुसौर के नये भवन के लिए एनटीपीसी द्वारा 2.64 करोड़ रूपए की राशि दी गई है।
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