त्यजन नियम का फायदा उठा बढ़ गई अवैध प्लॉट की कीमत 10 गुना
किसी भी प्लॉटिंग में 45 फीसदी भूमि गार्डन, पार्किंग, सड़क जैसी सुविधाओं के लिए छोड़ी जाती है। लेकिन भू माफिया ने महज 10 फीसदी जमीन (त्याग) 40 फीट की 500 मीटर सड़क बनाने के लिए जमीन छोड़कर अवैध कमर्शियल प्लॉटिंग को वैध करवा लिया है। अब उक्त त्याग की गई भूमि पर खुद नगर निगम वैध रोड बनाएगी। जिससे उक्त अवैध प्लॉट की कीमत और चार गुना बढ गई है। इसमें राजस्व और नगर निगम के अधिकारियों की पूरी सांठगांठ है। बता दें कि उक्त भूमि में ही फाफाडीह शराब दुकान संचालित हो रही थी, जिसे आनन-फानन में खाली कराकर अवैध प्लॉटिंग की गई।
12 हजार वर्गफीट में बिके प्लॉट
फाफाडीह में खसरा नंबर 254, 257, 261/3, 261/11 में तकरीबन 1 लाख 45 हजार 428 वर्गफुट पर प्लॉटिंग की गई है। इस प्लॉट में खास बात यह है कि यह पूरा प्रोजेक्ट अवैध है फिर भी भूखंड 12 हजार रुपए वर्गफीट में बेची गई है। पूरे प्लॉट से 1 अरब 74 करोड़ 51 लाख 36 हजार रुपए में जमीन की खरीद-फरोख्त की गई।
दो करोड़ में बिका 1500 वर्गफीट का प्लॉट
पत्रिका पड़ताल के मुताबिक इस अवैध प्लॉटिंग की जानकारी टीएनसीपी, नगर निगम और राजस्व विभाग पहले से थी। लेकिन सब जगह सेटिंग का खेल किया गया। कुछ अधिकारियों और बड़े नेताओं ने भी प्लॉट लिए। यहां पर 1000 और 1500 वर्ग फीट के व्यावसायिक प्लॉट 2 करोड़ रुपए में बेचे गए हैं। जबकि यहां कलेक्टोरेट गाइडलाइन दर 1529 रुपए है। इससे साफ है कि बाकी की राशि कच्चे में ली जा रही है।
यह है त्यजन का नियम
नियम यह है कि किसी क्षेत्र में आने-जाने के लिए यदि रोड-रास्ता नहीं है तो कोई भू-स्वामी राजस्व विभाग में छत्तीसगढ़ भू- राजस्व संहिता 1959 की धारा 179 के तहत खुद की भूमि त्याग कर सकता है। जिसके लिए तहसीलदार के द्वारा अनुमति दी जाती है।
फिर हुए सब चुप
मामले में नगर निगम के पूर्व नेता प्रतिपक्ष सूर्यकांत राठौर ने एमआईसी की बैठक में मुद्दा उठाया था इसके बाद मामला शांत हो गया। मामले में तत्कालीन जोन-2 के कमिश्नर विनय मिश्रा ने नोटिस और निर्माण सामग्री जब्ती की कार्रवाई की थी इसके अलावा उक्त भूमि की रजिस्ट्री रोकने के लिए तत्कालीन जोन-2 के कमिश्नर विनय मिश्रा ने मुख्य पंजीयक को पत्र लिखा था।वर्तमान जोन-2 के कमिश्नर विनोद पाण्डेय ने पत्रिका के द्वारा जानकारी देने पर तत्काल कार्रवाई करने की बात कही थी।
अधिकारी खेल रहे नोटिस- नोटिस
सबसे बेशकीमती अवैध प्लॉटिंग फाफाडीह में हुई है और यहीं त्यजन (त्याग ) करने का खेल खेला गया है। फाफाडीह में खसरा नंबर 254, 257, 261/3, 261/11 के प्राइम लोकशन होने के कारण महंगे में निगम व टाउन एंड कंट्री प्लॉनिंग के अनुमति बिना व्यावसायिक प्लॉट काटकर बेचे गए। शिकायत टीएनसी व निगम तक पहुंच चुकी है। जोन-2 के कमिश्नर ने नोटिस देकर खानापूर्ति भी की। राजस्व के नियम का फायदा उठाकर कर अवैध को वैध प्लॉटिंग कर दिया गया।