सिविल लाइन पुलिस के अनुसार आरोपियों के खिलाफ 2018 में राजकुमार भूरे ने शिकायत की थी। पीड़ित ने पुलिस को बताया कि रायपुरा स्थित इंद्रप्रस्थ कॉलोनी से लगी हुई 28 एकड़ जमीन खरीदी थी। जमीन का नामांतरण पीड़ित ने नहीं कराया था। 2018 में जब पीड़ित जमीन का नामांतरण कराने पहुंचा तो जमीन किसी और के नाम पर दिखी। पीड़ित ने मामले की शिकायत पुलिस में की तो एक साल तक केस की जांच करते हुए विवेचना अधिकारियों ने मंगलवार को एक आरोपी को गिरफ्तार किया है। फर्जीवाड़े के दोषी अभिषेक सराफ, लिंगराज प्रधान और विक्रम भट्ट पुलिस द्वारा फरार बताए जा रहे है। यह सब फर्जी पावर ऑफ अटर्नी बनाकर किया गया है।
गवाह बने थे लिंगराज और विक्रम
पुलिस ने दस्तावेजों की जांच की तो जमीन स्थानांतरण में गवाह लिंगराज प्रधान और विक्रम भट्ट मिले। आरोपियों के मुख्तियारनामा की जांच की तो वो भी फर्जी मिला। पुलिस ने दस्तावेजों की जांच की तो अभिमन्यु जगत और अभिषेक सराफ समेत कुछ अन्य लोगों की भूमिका सामने आई।
नहरपारा निवासी राजकुमार भूरे ने 4 आरोपियों द्वारा फर्जीवाड़ा करके इंद्रप्रस्थ स्थित 28 एकड़ जमीन पर कब्जा करने की शिकायत की थी। पीडि़त की शिकायत पर केस की जांच की और 1 आरोपी को गिरफ्तार किया है। शेष आरोपियों की तलाश जारी है।
सुशांतो बनर्जी, निरीक्षक, सिविल लाइन