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राजधानी में तेजी से बढ़ रहा कोरोना संक्रमितों का ग्राफ, दो दिन में मिले सात मरीज

locationरायपुरPublished: Jun 02, 2020 11:37:50 am

Submitted by:

Ashish Gupta

छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर (Coronavirus Outbreak in Raipur) में कोरोना संक्रमित मरीजों का ग्राफ तेजी से बढ़ने लगा है। विगत दो दिनों में ही सात मरीज सामने आए हैं।

Coronavirus

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रायपुर. छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर (Coronavirus Outbreak in Raipur) में कोरोना संक्रमित मरीजों का ग्राफ तेजी से बढ़ने लगा है। विगत दो दिनों में ही सात मरीज सामने आए हैं। सोमवार को मिले कोरोना पॉजिटिव मरीजों में बकरी चराने वाली 65 वर्षीय बुजुर्ग, किराना दुकान चलाने वाला और ठेले पर सब्जी और फल बेचकर परिवार का आजीविका चलाने वाला व्यक्ति शामिल है। स्वास्थ्य विभाग की टीम सभी के क्लोज कांटेक्ट की जांच में जुटी है।
बिरगांव के व्यक्ति का पतासाजी करने में स्वास्थ्य विभाग को पुलिस की मदद लेनी पड़ी। युवक ने सैंपल जांच के दौरान भरवाए जा रहे फॉर्म में जो मोबाइल नंबर दिया था वह देर रात तक बंद था। टीम के सदस्य कयास लगा रहे थे कि पीड़ित फरार हो गया है।
स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों का कहना है कि गुरुमुख नगर की रहने वाली बुजुर्ग महिला बकरी चराती है। बकरी चराने के दौरान ही वह किसी के संपर्क में आकर संक्रमित हुई है।

वहीं प्रगति नगर (गुढ़ियारी) का पीड़ित किराना दुकान चलाता है। वह हाल ही में कवर्धा से लौटा था। 29 मई को सैंपल लिया गया था। बिरगांव का रहने वाला ठेले पर सब्जी-फल बेचता है। वह लॉकडाउन से पहले मार्च में उत्तर प्रदेश से आया था।
कोरोना के लक्षण दिखने पर 30 मई को वह खुद सैंपल देने अस्पताल पहुंचा था। अधिकारियों का कहना है कि कोरोना के लक्षण 1 सप्ताह या 15 दिनों में दिखने लगते हैं। युवक को उत्तर प्रदेश से आए 2 माह से अधिक का समय गुजर चुका है। अधिकारियों ने संभावना जताई है कि सब्जी-फल बेचने के दौरान ही युवक किसी संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आया है।
स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों का कहना है कि सभी की ट्रेवल हिस्ट्री मिल गई है। क्लोज कांटेक्ट की तलाश की जा रही है। मंगलवार को सैंपल लेने की प्रक्रिया की जाएगी। अधिकारियों का कहना है कि बुजुर्ग को छोड़ दिया जाए तो दोनों संक्रमित ऐसा काम करते हैं कि जिनके संपर्क में प्रतिदिन 50 से ज्यादा लोग आते होंगे।
वे किन-किन के संपर्क में आए हैं, उसको खंगालना काफी मुश्किल काम है। लेकिन वे जहां रहते हैं उस पूरे एरिया का सर्वे किया जाएगा। पीड़ितों से भी बातचीत कर इसकी जानकारी ली जाएगी कि वे कहां-कहां गए हैं और किन-किन लोगों से मिले हैं।
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