लोगों को छोटी-छोटी राशियों के लेन-देन के लिए बार-बार बैंक नहीं जाना पड़ता
बीसी सखी की नियुक्ति से लोगों को छोटी-छोटी राशियों के लेन-देन के लिए बार-बार बैंक नहीं जाना पड़ता है और इससे बैंकिंग सुविधाएं घर-घर तक पहुंच रही है। बैंक आने-जाने में लोगों के लगने वाले धन, श्रम और समय की भी बचत हो रही है और बैंकों पर भीड़ का दबाव भी कम है। ‘आपका बैंक – आपके द्वार’ के ध्येय से सरकार औसतन चार से पांच ग्राम पंचायतों के लिए एक बैंक सखी नियुक्त का ध्येय रखते हुए कार्य कर रही है। बीसी सखी के माध्यम से राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत आजीविका कार्यों में लगीं स्वसहायता समूह की महिलाएं भी अपना वित्तीय लेन-देन गांव में ही कर सकेंगी।भुगतान के अनुसार कमीशन मिलता है
बैंक सखी एंड्राइड मोबाइल, सिम कॉर्ड और बायोमीट्रिक डिवाइस के साथ गांव-गांव जाकर मोबाइल बैंकिंग यूनिट के रूप में सेवाएं दे रही है। बीसी सखी के रूप में कार्यरत महिलाओं को उनकी सेवाओं के एवज में उनके द्वारा लोगों को किए गए भुगतान के अनुसार कमीशन मिलता है। एक वित्तीय लेन-देन पर कमीशन की अधिकतम सीमा 15 रुपए निर्धारित है।