लॉकडाउन के चलते इनमे 35-40 प्रतिशत कमी आई है। जो प्रो. शम्स परवेज का कहना है कि शासन-प्रशासन को यह देखना चाहिए कि जब प्रदुषण का स्तर कम है तो उससे बंगाल की खाड़ी और अरब सागर से आने वाली जरा सी नमी से भी रायपुर समेत पूरे प्रदेश में बारिश हो रही है। तो क्यों न स्तर को इस स्थिति में मेन्टेन रखा जाए। पर्यावरण विशेषज्ञों व जानकारों का मानना है कि मई में बदली छाना, बारिश होना और सामान्य सा लगता है।
पीएम 2.5: सल्फर हाइड्रोक्साइड और नाइट्रोजन हाइड्रोक्साइड ये आबोहवा में जहर घोलते है। उद्योगों में जलने वाली भट्टी में जलने वाले पेटकॉक इसे मुख्य स्रोत है। वाहनों से निकलने वाले धुएं की वजह से आबोहवा में इनकी मात्रा बढ़ती है।