रायपुर

7 बार सांसद रहे रमेश बैश ने सबसे कम तो 2 बार की सांसद रहीं कमला पाटले ने पूछे सबसे अधिक सवाल

जांजगीर-चांपा की सांसद कमला पाटले ने संसद में सक्रियता के मामले में छत्तीसगढ़ के बाकी 10 सांसदों को पीछे छोड़ दिया है।

रायपुरDec 23, 2018 / 01:27 pm

Ashish Gupta

7 बार सांसद रहे रमेश बैश ने सबसे कम तो 2 बार की सांसद रहीं कमला पाटले ने पूछे सबसे अधिक सवाल

राहुल जैन/रायपुर. जांजगीर-चांपा की सांसद कमला पाटले ने संसद में सक्रियता के मामले में छत्तीसगढ़ के बाकी 10 सांसदों को पीछे छोड़ दिया है। लोकसभा में उन्होंने रायपुर सांसद रमेश बैस की तुलना में 152 गुना ज्यादा सवाल पूछे हैं। सांसद पाटले ने अबतक सरकार से 611 सवाल पूछे हैं। यह छत्तीसगढ़ के सांसदों की ओर से पूछे गए सवालों में सबसे अधिक है।
वहीं रायपुर सांसद बैस ने सिर्फ चार सवाल ही पूछे हैं। बैस ने 2016 में तीन सवाल और 2018 में केवल एक सवाल पूछा है, हालांकि उन्होंने 23 बहसों में हिस्सा लिया है। यह तब है जब बैस अनुभव के मामले में छत्तीसगढ़ के सबसे वरिष्ठ सांसद हैं। वे सातवीं बार चुनाव जीतकर लोकसभा पहुंचे हैं।
बस्तर सांसद दिनेश कश्यप का हाल भी उन्हीं जैसा है, पिछले करीब साढ़े चार वर्षों में कश्यप ने लोकसभा में 8 सवाल पूछे और 6 बहसों में शामिल हुए। पूरी सक्रियता के पैमाने पर कश्यप सबसे फिसड्डी साबित हुए हैं। बता दें कि प्रदेश में लोकसभा की 11 सीटों में से 10 पर भाजपा और एक पर कांग्रेस काबिज है।

अभिषेक का नंबर महतो के बाद
पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह के पुत्र और राजनांदगांव सांसद अभिषेक सिंह सक्रियता के लिहाज से तीसरे नंबर पर हैं। उनसे अधिक सवाल कोरबा सांसद डॉ. बंशीलाल महतो ने पूछे हैं। महतो ने 407 सवाल पूछे तो अभिषेक ने इन वर्षों में 379 सवालों के जवाब मांगे हैं।

बहस में पीछे रहे हमारे सांसद
लोकसभा में बहस मामले में भी हमारे सांसदों का प्रदर्शन बहुत अच्छा नहीं रहा। इस मामले में बिलासपुर के सांसद लखन साहू सबसे आगे रहे। उन्होंने कुल 84 बहसों में हिस्सा लिया। दूसरे नम्बर पर कांग्रेस सांसद ताम्रध्वज साहू और डॉ. बंशीलाल महतो हैं। दोनों नेताओं ने लोकसभा की 33 चर्चाओं में भागीदारी की। कमला पाटले 31 बहसों के साथ तीसरे नम्बर पर रहीं। रायगढ़ के सांसद व केंद्रीय इस्पात राज्यमंत्री विष्णुदेव साय भी 26 बहसों में शामिल हुए।

चार सांसदों ने रखे निजी विधेयक
प्रदेश के चार सांसदों कमलादेवी पाटले, लखनलाल साहू, ताम्रध्वज साहू और डॉ. बंशीलाल महतो ने निजी विधेयक भी लोकसभा में रखे हैं। इन निजी विधेयकों में मतदान की अनिवार्यता, ट्रांसजेंडर समुदाय के अधिकार जैसे विषय शामिल रहे। कांग्रेस के ताम्रध्वज साहू ने छत्तीसगढ़़ी को संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल करने का मामला उठाया।

लोकसभा में ऐसी रही सक्रियता

(स्रोत: लोकसभा की आधिकारिक वेबसाइट के आंकड़े)

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