वर्ष 1980 के लोकसभा चुनाव के दौरान प्रचार के लिए अटल बिहारी वाजयेपी का बिलासपुर आना हुआ। शाम के वक्त लाल बहादुर शास्त्री मैदान में सभा होनी थी।
अटल बिहारी वाजपेयी की संपत्ति को लेकर बड़ा खुलासा,गरमाई राजनीति
रायपुर. वर्ष 1980 के लोकसभा चुनाव के दौरान प्रचार के लिए अटल बिहारी वाजयेपी का बिलासपुर आना हुआ। शाम के वक्त लाल बहादुर शास्त्री मैदान में सभा होनी थी। वाजपेयी दोपहर में पहुंचे थे। उन्हें जोरों की भूख लगी थी। सांसद मदल लाल शुक्ला, नगर अध्यक्ष प्रताप सिंह कस्तूरिया, मूलचंद खंडेलवाल भोजन के लिए ले जाने लगे। तब वाजपेयी ने कहा कि मुझे लग्जरी होटल में नहीं सामान्य कार्यकर्ता के घर ठहरना और वहीं भोजना करना है।
ऐसी व्यवस्था नहीं होने से सभी हड़बड़ा गए। तब प्रताप कस्तूरिया उन्हें विशंभरनाथ दुआ के घर ले गए। विशंभरनाथ दुआ के बेटे अनिल दुआ बताते हैं कि रास्ते में चलते-चलते उन्हें राशन की दुकान में लोगों की लंबी कतार नजर आई। ये देख उनकी आंखें नम हो गई। वाजपेयी कहने लगे कि एक दिन ऐसा भी आएगा जब देश में राशन के लिए न लंबी कतारें होंगी, न कोई भूखा सोएगा, ये मेरा संकल्प है।
कुछ देर बाद वाजपेयी आदर्श नगर स्थित विशंभरनाथ दुआ के घर पहुंचे। वहां वाजपेयी को देख पहले सभी आश्चर्य में पड़ गए। विशंभरनाथ की पत्नी ने छोले और मटर पनीर की सब्जी बनाई थी। लेकिन रास्ते में दिखे दृश्य ने वाजपेयी को इतना झकझोर दिया था कि वे ठीक से खाना भी नहीं खा पाए।
सड़कों की हालत पर हुए थे दुखी अनिल ने बताया कि प्रचार के बाद रात में घर पर ही रहे। एक दिन विश्राम कर सुबह लौट गए। जिस कमरे में वे ठहरे थे, आज भी उनकी यादें संजोकर रखी हुई है। अनिल बताते हैं कि सभा के लिए लाल बहादुर शास्त्री मैदान जाते वक्त उसके साथ वे भी थे। बिलासपुर में सड़कों की स्थिति बहुत खराब थी। ये देख वाजपेयी कहने लगे, यहां की सड़कों की हालत ऐसी है कि पता ही नहीं चल रहा है कहां सड़क है और कहां गड्ढा। आज के बिलासपुर के लिए यह अभी भी चुनावी मुद्दा है।