फिर भारत को दस लाख का सूट पहनने वाला पहला फकीर भी मिला। एक ऐसा फकीर जिसके बारे में कहा जाता है कि मेकअप में ही हजारों रुपए खर्च कर दिए जाते हैं। आपकी कलम, दिन में कई बार बदले जाने वाले आपके कपड़े, आपका नाश्ता और आपका खाना सबकी बड़ी चर्चा होती रही है। 2000 करोड़ तो आपने विदेश यात्राओं में ही फूंक दिए और 4600 करोड़ रुपए विज्ञापनों में। आपकी इस फकीरी को देखकर तो अच्छे अच्छे फकीरों के होश फ़ाख़्ता हो जाएं।
बात सिर्फ इन विशेषणों’ तक सीमित नहीं है मोदी जी। 2014 के पहले आप काला धन विरोधी थे, भ्रष्टाचार विरोधी थे, जीएसटी विरोधी थे, पाकिस्तान को ‘लव लेटर’ लिखे जाने के खिलाफ थे, चीन को आप लाल आंखें दिखाना चाहते थे, गंगा मां के बेटे थे, स्मार्ट सिटीज और आदर्श गांवों का सपना बेचने वाले राजनेता थे, स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट के सच्चे समर्थक थे। लेकिन 2014 के बाद से ही इन सबके विपरीत होते चले गए। काले धन वालों को आपने विदेश भगा दिया, राफेल में अनिल अंबानी के साथ भ्रष्टाचार के भागीदार बन गए, आधी रात में संसद खुलवाकर जीएसटी बिल पास करवाया लेकिन इससे देश के कारोबार की कमर टूट गई, गंगा नदी की स्थिति अब भी दयनीय है, बेरोजगारी ने सारे रिकाड्र्स ध्वस्त कर दिए हैं, आप बिन बुलाए पाकिस्तान जाकर बिरयानी खा आए, चीन के राष्ट्रप्रमुख के साथ आप झूला झूलते दिखे, बनारस को क्योटो बनाना तो ‘हर खाते में 15-15 लाख’ जैसा जुमला ही साबित हुआ। लोग पहचान ही नहीं पा रहे हैं कि आपका असली चेहरा कौन सा है। क्या आपको याद है कि आपका असली चेहरा कौन सा है?