सीसीटीवी फुटेज देने से किया इनकार
गुढियारी वेयरहाउस में कहने को तो सीसीटीवी कैमरा लगाया गया है, लेकिन पत्रिका ने विभाग के अधिकारियों से बीते 10 दिन की रिकॉर्डिंग मांगी गई तो उन्होंने देने से इंकार कर दिया। यही नहीं, शराब दुकान में लगे सीसीटीवी कैमरा को भी प्लेसमेंट कर्मियों ने खराब कर रखा है। इस वजह से जब भी उसे फुटेज मांगी जाती है तो कैमरा खराब होने का हवाला देकर फुटेज देने से इनकार कर देते हैं। लेकिन वेयरहाउस वाले मामले में शराब के अवैध कारोबार को छुपाने के लिए फुटेज सार्वजनिक नहीं किया जा रहा है।
चुनावी खर्च उठाने की चर्चा
विभागीय सूत्रों का कहना है कि यह कारनामा और अधिकारियों के इशारे पर किया गया है। इसे चुनावी खर्च से भी जोड़ा जा रहा है। शराब बिना परमिट के भेज कर आसानी से करोगी रुपए जुटाए गए हैं।
ऐसे निकली वेयरहाउस से शराब
पत्रिका को मिले साक्ष्यों के मुताबिक 16 दिन से गुजारी स्थित वेयरहाउस से 15 मालवा को में 200 बेटियों के परमिट में 600 से 800 बेटियां शराब निकाली जाती थी। इसे अलग अलग शराब दुकानों पर उतार दिया जाता था। अहम बात यह है कि इस प्रकार भेजी गई शराब का रिकॉर्ड आबकारी के चुनिंदा अधिकारियों के पास रहता था।
अंग्रेजी शराब दुकान के कर्मियों पर कार्यवाही
अधिकारियों ने लोगों का ध्यान बताने के लिए अंग्रेजी शराब दुकानों में लगातार ओवर रेटिंग को लेकर कार्यवाही जारी रखी है। जबकि असली खेल देसी शराब दुकानों में चल रहा था। लोकसभा चुनाव की आचार संहिता में ही विभागीय अधिकारियों ने करोड़ों के गोलमाल को अंजाम दिया है।
प्लेसमेंट एजेंसी भी शामिल
इन 16 दिनों तक देसी शराब दुकान में अधिकांश बिना परमिट की शराब ही बेची गई है। विभाग के आंकड़ों इसका खुलासा कर रहे हैं। बीते पखवाड़े में अचानक देसी शराब की बिक्री कम हो गई है वह इसलिए कि यहां से बिना परमिट वाली देसी शराब की जमकर बिक्री की गई है।