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माओवाद प्रभावित क्षेत्र में बिना अनुमति चुनाव प्रचार के लिए नहीं जा सकेंगे नेता

locationरायपुरPublished: Mar 17, 2019 08:38:08 pm

Submitted by:

Ashish Gupta

आगामी लोकसभा चुनाव के दौरान जनप्रतिनिधियों को माओवादी अपना निशाना बना सकते है। इसे देखते हुए राज्य पुलिस से जनप्रतिनिधियों और नेताओं को राज्य पुलिस से इजाजत लेनी पड़ेगी।

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रायपुर. आगामी लोकसभा चुनाव के दौरान जनप्रतिनिधियों को माओवादी अपना निशाना बना सकते है। इसे देखते हुए राज्य पुलिस से जनप्रतिनिधियों और नेताओं को राज्य पुलिस से इजाजत लेनी पड़ेगी। प्रभावित इलाके में जाने से पहले उन्हे स्थानीय पुलिस अधीक्षक और कलेक्टर को इसकी सूचना देनी पड़ेगी। उनके बिना अनुमति के वह सभा और प्रचार चुनाव प्रचार के लिए नहीं कर पाएंगे।
माओवादी हमले की आशंका को देखते हुए सभी राजनीतिक दलों को इसके निर्देश दिए गए है। बिना सुरक्षा के उन्हें माओवादी प्रभावित इलाके में नहीं निकलने की हिदायत दी गई है। साथ ही किसी भी तरह की अनहोनी घटना से निपटने के लिए सुरक्षा बलों को अलर्ट रहने कहा गया है।
पिछले काफी समय से लगातार ही रही घटनाओं को देखते हुए राज्य पुलिस द्वारा सतर्कता बरती जा रही है। बता दें कि लोकसभा चुनाव के दौरान बडी़ सभाओं का आयोजन किया जाना है। इसमें बड़े राजनीतिक दलों के जनप्रतिनिधियों और राष्ट्रीय स्तर के नेता भी शामिल होंगे। बिना सूचना दिए अंदरूनी इलाकों में जाने पर माओवादी उन्हें निशाना बना सकते हैं।

तगड़ी सुरक्षा व्यवस्था

माओवादी प्रभावित इलाकों में पहले और दूसरे चरण में होने वाले मतदान के पहले सभाए होनी है। इस दौरान विभिन्न राजनीतिक दलों के राष्ट्रीय स्तर के नेताओं की सभाओं का अयोजन किया गया है। इसे देखते हुए राज्य पुलिस भी सुरक्षा की तैयारियों में जुटी हुई है। सभी पुलिस अधीक्षक को अतिरिक्त बल तैनात करने कहा गया है।

कई बार हो चुका है हमला

जनप्रतिनिधियों और सांसद से लेकर पूर्व मंत्रियों के सहयोगियों और उनके काफिले पर कई बार हमला कर चुके है। लेकिन, सुरक्षा घेरा होने के कारण माओवादियों को पीछे हटना पड़ा था। इसे देखते हुए जनप्रतिनिधियों और विशिष्ट लोगों की सुरक्षा में अतिरिक्त बल तैनात किया था।
बता दें कि पूर्व मंत्री केदार कश्यप, लता उसेंडी, महेश गागड़ा, विधायक डमरूधर दीवान सहित अन्य लोगों पर हमला हो चुका है। झीरमघाटी में हुए माओवादी हमले में कांग्रेस के 30 लोग शहीद हो गए थे। इस घटना के बाद से राज्य पुलिस ने दौरे पर जाने से पहले सूचना देना अनिवार्य कर दिया है।
आईजी बस्तर विवेकानंद सिन्हा ने कहा, लोकसभा चुनाव के दौरान जनप्रतिनिधियों पर माओवादी हमला कर सकते है। उनकी सुरक्षा को देखते हुए प्रभावित इलाके में जाने से पहले सूचना देने के लिए कहा गया है। ताकि सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए जा सके।
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