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इस सीट पर आमने-सामने होंगे दो मेयर, जानिए कौन पड़ेगा किस पर भारी, इस स्पेशल रिपोर्ट में

locationरायपुरPublished: Apr 05, 2019 03:52:35 pm

रायपुर सीट पर होगी कांटे की टक्कर, महापौर वर्सेस पूर्व महापौर आमने-सामने

sunil soni vs pramod dubey

इस सीट पर आमने-सामने होंगे दो मेयर, जानिए कौन पड़ेगा किस पर भारी, इस स्पेशल रिपोर्ट में

रायपुर। छत्तीसगढ़ की राजधानी की लोकसभा सीट पर इस बार कांटे की टक्कर देखने मिलेगी। रायपुर से जहां कांग्रेस ने सीटिंग मेयर प्रमोद दुबे को मुकाबले में उतारा है। वहीं भाजपा ने पूर्व मेयर सुनील सोनी पर दाव खेला है। दोनों ने अपने कार्यकाल में अपनी छवी को बेहतर बनाया है। मुकाबला कड़ा है। दुबे सामान्य वर्ग से आते हैं, तो सोनी ओबीसी वर्ग का प्रतिनिधित्व करते हैं। रायपुर सीट के अंतर्गत 9 विधानसभाएं आते है। रायपुर की पांच विधानसभाओं में सामान्य और ओबीसी वर्ग की आबादी करीब 82 फिसदी और चार में 75 प्रतिशत तक है।
sunil soni vs pramod dubey

दुबे को चुनाव मैनेजमेंट का काफी नॉलेज
रायपुर के सीटिंग मेयर प्रमोद दुबे को चुनाव मैनेजमेंट की अच्च्छी जानकारी है। इसके अलावा वें लोगों को रिझाने के तरीके से अच्छी तरह वाकिफ हैं। वें रायपुर के मेयर हैं और सभी उन्हें जानते हैं। 9 में से पांच विधानसभा सीट पर ब्राह्मण एमएलए मौजूद हैं। इसमें से छह विधानसभा सीट कांग्रेस के पास है। हालाङ्क्षक एक सीट बीजेपी और एक जोगी कांग्रेस के पास है।

प्रमोद दुबे का कमजोर पक्ष
ब्राम्हणवाद को लेकर हो सकती है नाराजगी। इसके अलावा मेयर होने की वजह से कई वार्डो में पानी-साफ सफाई लेकर हुई समस्या का सही समय पर निराकण नहीं होने की वजह से कुछ लोगों में नाराजगी हो सकती है।

sunil soni vs pramod dubey

सरल-सहज नेता के रूप में जाने जाते हैं सोनी
लोगों के बीच पूर्व व सुनील सोनी की छवी काफी अच्छी है। प्रमोद दुबे की तरह उन्होंने भी छात्र नेता बनने से अपने राजनीतिक करयिर की शुरुआत की थी। इसके अलावा पार्टी संगठन में प्रवक्ता और कई पदों में काम कर चुके हैं। पहली बार लोकसभा चुनाव में सोनी को टिकट मिलने की वजह से समाज हो सकता है एकजुट। फंडिंग की भी कोई दिक्कत नहीं।

पूर्व महापौर का कमजोर पक्ष
विधानसभा में मिली चुनावी हार से कार्यकर्ता निराश। स्थानीय और बाहरी का मुद्दा उठा तो, हो सकती है परेशानी, पार्टी में बढती गुठबाजी भी नुकसान पहुंचा सकती है।

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