दुबे को चुनाव मैनेजमेंट का काफी नॉलेज
रायपुर के सीटिंग मेयर प्रमोद दुबे को चुनाव मैनेजमेंट की अच्च्छी जानकारी है। इसके अलावा वें लोगों को रिझाने के तरीके से अच्छी तरह वाकिफ हैं। वें रायपुर के मेयर हैं और सभी उन्हें जानते हैं। 9 में से पांच विधानसभा सीट पर ब्राह्मण एमएलए मौजूद हैं। इसमें से छह विधानसभा सीट कांग्रेस के पास है। हालाङ्क्षक एक सीट बीजेपी और एक जोगी कांग्रेस के पास है।
प्रमोद दुबे का कमजोर पक्ष
ब्राम्हणवाद को लेकर हो सकती है नाराजगी। इसके अलावा मेयर होने की वजह से कई वार्डो में पानी-साफ सफाई लेकर हुई समस्या का सही समय पर निराकण नहीं होने की वजह से कुछ लोगों में नाराजगी हो सकती है।
सरल-सहज नेता के रूप में जाने जाते हैं सोनी
लोगों के बीच पूर्व व सुनील सोनी की छवी काफी अच्छी है। प्रमोद दुबे की तरह उन्होंने भी छात्र नेता बनने से अपने राजनीतिक करयिर की शुरुआत की थी। इसके अलावा पार्टी संगठन में प्रवक्ता और कई पदों में काम कर चुके हैं। पहली बार लोकसभा चुनाव में सोनी को टिकट मिलने की वजह से समाज हो सकता है एकजुट। फंडिंग की भी कोई दिक्कत नहीं।
पूर्व महापौर का कमजोर पक्ष
विधानसभा में मिली चुनावी हार से कार्यकर्ता निराश। स्थानीय और बाहरी का मुद्दा उठा तो, हो सकती है परेशानी, पार्टी में बढती गुठबाजी भी नुकसान पहुंचा सकती है।